बरेली-:- केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधार अध्यादेश के विरोध में किसान आए. सड़कों पर अध्यादेश को किसानों ने बताया काला कानून जिला बरेली तहसील नवाबगंज कस्बे के बाईपास प्रमुख कॉलोनी पर भारतीय किसान यूनियन आराजनैतिक संगठन ने आज केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधार बिल के नाम से जो अध्यादेश लाया गया है. उस अध्यादेश के विरोध में बड़ी संख्या में किसानों ने सरकार के प्रति नाराजगी दिखाते हुए प्रदर्शन किया, उनका कहना था जिस तरीके से भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी आई थी और उसने देश को गुलाम बना कर रख दिया था. उसी तरह यह कानून है, इससे उद्योगपतियों का पूर्ण रूप से किसानों के ऊपर अधिकार होगा. किसान अपनी मर्जी से किसानी नहीं कर पाएगा, कृषि कानून नियंत्रण मुक्त विपन भंडार आयात निर्यात किसान हित में नहीं है. इसका खामियाजा देश के किसानों को विश्व बाजार व्यापार संगठन के रूप में भुगतना पड़ सकता है. देश में 1943 44 में बंगाल के सूखे के समय जिस तरीके से ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में पैर जमाए और उसके बाद देश गुलाम होता चला गया. ठीक उसी तरह किसान भी गुलामी की जंजीर में जकड़ जाएगा वह स्वतंत्र रूप से अपनी किसानी नहीं कर पाएगा, इन सब मुद्दों को ध्यान में रखते हुए भारतीय किसान यूनियन ने अपने प्रदर्शन करने के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी नवाबगंज को सौंपा उनका कहना था प्रधानमंत्री किसानों की समस्याओं को अवश्य संज्ञान में लेंगे भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष हीरालाल गंगवार के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने प्रदर्शन किया. इसी के साथ किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान शीघ्र करने की भी मांग रखी . साथ ही किसानों ने आवारा घूम रहे पशुओं को गौशाला में बंद कराया, जाने की मांग की है किसान नेता फतेह चंद ने कहा किस क्षेत्र में गौशाला आसमान में बनी नजर आती हैं जो कहीं भी जमीन पर दिखाई नहीं दे रही है। किसानों ने जल्द से जल्द आवारा घूम रहे पशुओं को किसी सुरक्षित जगह पहुंचा देने की मांग ज्ञापन में की है. जिससे पशु और किसान की फसल बची रहे.