बरेली – सहायक अध्यापक शुभम सिंह ने नकारात्मक विचारों से दूरी बनाकर, योगा, प्राणायाम व दोस्तों के उत्साहवर्धन से जीती कोरोना से जंग।

आँवला – रामनगर ब्लाक के ग्राम गुलड़िया अरिल के प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक शुभम सिंह ने बताया कि 15 अप्रैल को चुनाव ड्यूटी से आने के उपरान्त मुझे सर्दी जुकाम बुख़ार जैसे लक्षण महसूस हुए। डॉक्टर से दवा ले ली लेकिन उससे आराम नहीं हुआ।
17 अप्रैल को मैं अपने विद्यालय गया और परिवार की सुरक्षा के लिए मैंने अपनी कोविड जांच रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कराई।19 अप्रैल को मुझे कॉल आयी कि मैं पॉजिटिव हूं।
एक दम से थोड़ा डर महसूस हुआ लेकिन फिर डॉक्टर से सलाह से दवा खानी शुरू कर दी।
दवा के साथ साथ प्राणायाम, भाप और घरेलू काढ़े का समय समय पर सेवन किया।
लेकिन कोविड में सबसे ज्यादा जरूरी है खुद को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण रखना इसके लिए नकारात्मक सोच से दूरी बना मैंने अच्छी बुक्स पढ़ी, म्यूजिक सुना,अच्छी वेब सीरीज देखी। मेरे कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी और मेरे साथ ही शिक्षकों को हुई तो
सबसे प्रिये ब्लॉक् रामनगर के शिक्षक साथियों और दोस्तो ने मुझे हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण रखा। रामनगर में हम यूथ टीचर्स का एक पर्सनल ग्रुप है। जिसमें ब्लॉक के युवा टीचर्स जुड़े हैं जो ब्लॉक की तरफ से जिले और प्रदेश स्तर पर खेल कूद प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते हैं और परिवार की तरह हमेशा एक दूसरे के लिए तत्पर रहते हैं।
जिन्होंने मुझे हर सम्भव मदद उपलब्ध कराई औऱ हमेशा प्रसन्नता से पूर्ण रखा। 21व 22 अप्रैल में जब मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और घबराहट बहुत ज्यादा हो रही थी तब रामनगर की यूथ टीचर्स टीम से जब यूटा के जिला उपाध्यक्ष भाई सत्येंद्र पाल सिंह जी का फोन आया था की पूरी टीम आपके लिए हमेशा तैयार हैं बस हौसला मत तोड़ना हम सभी आपके साथ हैं और अपने आप को कभी अकेला मत समझना तो कभी टीम कप्तान पवन दिवाकर जी कभी रजनीश जी अमन खंडेलवाल अभिषेक, भानु प्रताप, तनवीर अहमद, कुलदीप आर्य, भूपेंद्र कुमार आशीष कुमार, आशुतोष,मोहित,अंकुश बंसल इत्यादि शिक्षक साथियों ने दोस्तों के रूप में एक टॉनिक का काम किया। सच कहूं तो शिक्षक यूथ टीम ने मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ इम्यूनिटी बढ़ाने का काम किया जो दवा से कहीं बढ़कर थी। हम लोग अपने ग्रुप पर हम घंटों बात करते रहते थे हंसी मजाक चुटकले इत्यादि, जिससे कभी समय का पता ही नहीं चलता चाहे दिन हो या रात हम लंबे समय तक एक दूसरे से दूर होकर भी ग्रुप के माध्यम से एक दूसरे के पास रहे और हौसला अफजाई करते रहे।जिससे कोरोना से कब जंग जीत ली इसका पता ही नहीं चला बीच-बीच में जब भी दिक्कत हुई तो दबा के साथ-साथ साथियों ने बुरे समय को हंस खेलकर गुजार दिया।
मैंने 28 अप्रैल को दोबारा कोविड की जांच कराई और इस तरह से सकारात्मक ऊर्जावान होते हुए निगेटिव हो गए।

नोट:-covid में सबसे जरूरी है ऊर्जावान रहने के साथ साथ खुद को दोस्तों के साथ व्यस्त रखना

शुभम सिंह सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय गुलरिया अरिल ब्लाक रामनगर बरेली
मो.9258892991

रिपोर्टर – परशुराम वर्मा