बरेली/यूपी: अजीब किस्मत है आंवला की सड़कों की कही तो सड़क ठीक कर दी जाती है तो कही बेकार कर दी जाती है,और तो और कहीं तो चार दिन में ही सड़क बोल जाती है,कैसे देखने बाले अधिकारी हैं कि उन्हें यही दिखाई नही देती की सड़क पर कहाँ क्या किया जा था है,लेकिन जो खुद ठेकेदार की लय में तर्ज मिला रहे हो उन्हें भला क्यों कमी दिखाई देगी,आपको आंवला के गाँव रम्पुरा भूड़ की सड़क की बात बताते हैं जो अभी कुछ दिन पहले ही ठीक कराई गई है लेकिन बजरी उखड़ कर बिखरने लगी है,और आधी सड़क यो ही छोड़ दी गयी है।जिसकी हालत बदत्तर है,लेकिन उसे यो ही छोड़ दिया गया है,जनता किस पर तसल्ली करे कि वर्तमान ने उसे क्या दिया,कोई कोई सड़क तो सालो से बेकार पड़ी है लेकिन देखने बाला कोई नही,कोई नही ठीक कराने बाला,जागो मतदाता जगाओ जमीर को