बरेली – आईवीआरआई के कर्मचारी पर घूस (रिस्वत) लेकर लाभ दिलाने का आरोप।

आँवला – सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बावजूद भी भ्रष्ट कर्मचारी अपनी मनमानी करने पर उतारू हैं चाहें रिस्वत के थोड़े पैसो के लिय उन्हें अपनी नौकरी ही क्यों ही न गंवानी पड़े लेकिन बगैर रिस्वत घूस के वह गरीबों का कोई काम करेंगे ही नहीं गरीब व किसान तो बस उनके दफ्तरी के चक्कर काटने के लिये बना है लेकिन शायद उस घूसखोर को यह नहीं पता कि इन गरीबों और किसानों की सेवा के लिये ही उसको यह पद कुर्सी मिली है और वह उन्हीं को परेशान करने मे अपने आपको महान समझते हैं फिर परेशान गरीब व्यक्ति आखिर परेशान होकर चक्कर काटते काटते घर ही बैठ जाता है जमीनी हकीकत यही है इसी बजह से सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन पात्रों तक सीधे नहीं पहुंच पाता है जो वास्तविक उस योजना के पात्र हैं ऐसे ही गरीब किसानों (क्रषको)का एक मामला तहसील आँँवला के गांव का है आपको बता दें तहसील आँँवला के अतरछेड़ी, निसोई, इस्माइलपुर,सादुल्लागंज,कुण्डरिया फैजुल्लापुर पाँच गांव आईवीआरआई बरेली द्वारा गोद लिए हुये हैं इन गांव मे समय समय पर सरकारी योजनाओं का आईवीआरआई बरेली द्वारा लाभ दिलाया जाता है ताकि किसान, गरीब व्यवसाय कर के आगे बढ़ सके आपको बता दें गांव इस्माइलपुर के ग्राम प्रधान व कुछ अन्य किसान व ,गरीब व्यक्तियों का आरोप है कि आईवीआरआई बरेली द्वारा उन्हें आज तक किसी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है जिसकी बजह ग्रामीणों व ग्राम प्रधान ने इस्माइलपुर पर तैनात आईवीआरआई कर्मचारी अमर नाथ को ठहराया है ग्रामीणों व ग्राम प्रधान का आरोप है कि अमरनाथ द्वारा उन्हीं क्रषको के नाम की सूची बनाई जाती है या उन्हीं किसानों का सूची मे नाम दर्ज कर लाभ दिलाया जाता है जिनसे अमरनाथ को घूस (रिस्वत) मिलती है गांव के मुलूसिंह ने बताया कि गांव के पात्र किसानों को अमरनाथ फटकार कर कह देता है कि तुम लाभ दिलाने योग्य नहीं हो मै अपने हिसाब से काम करता हूं मूलूसिंह ने बताया कि गांव के कुछ क्रषक मेवाराम, राजबाबू,महाराज, रोहित सिंह,नत्थू वाल्मीकि, राजेश, बीरपाल सिंह जैसे तमाम लोग हैं जिन्हें आईवीआरआई से कोई लाभ नहीं प्राप्त हुआ कई बार आईवीआरआई कर्मचारी अमरनाथ से अनुरोध किया पर भ्रष्टाचार मे डूबे अमरनाथ पर कोई असर नहीं हुआ ग्राम प्रधान व गांव के किसानों ने डीएम साहब से शिकायत करने की बात कही है।

रिपोर्टर – परशुराम वर्मा