बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव में डेढ़ लाख से अधिक गाड़ियों की जरूरत, धरपकड़ भी शुरू

बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव में डेढ़ लाख से अधिक गाड़ियों की जरूरत होगी। केवल छोटे वाहन ही लगभग एक लाख चाहिए। चुनाव के लिए जो गाड़ियां चाहिए उनमें बस, ट्रक, ट्रैक्टर, ऑटो, कार, जीप, सफारी, ऑटो रिक्शा और मोटरसाइकिल से लेकर ई-रिक्शा तक शामिल हैं।

चुनाव के लिए आवश्यक वाहनों की संख्या की जानकारी जिला प्रशासन ने परिवहन विभाग को दी है। मतदान कर्मियों से लेकर सुरक्षा बलों की आवाजाही को लेकर अब इन गाड़ियों की धरपकड़ भी शुरू हो गई है।

परिवहन विभाग ने जिलों को कहा था कि वह चुनाव में अपनी-अपनी जरूरतों के अनुसार गाड़ियों की संख्या बताएं, ताकि उसे जब्ती करने में विभाग सहयोग कर सके। बीते दिनों भेजे गए पत्र के आलोक में जिलों से गाड़ियों की संख्या विभाग को मिल गई है। विभाग के पास जिलों से मिली सूची के अनुसार कुल एक लाख 56 हजार गाड़ियों की आवश्यकता इस चुनाव में पड़ेगी। इनमें 11 हजार से अधिक बस तो 65 सौ से अधिक ट्रक चाहिए, जबकि 38 हजार से अधिक मध्यम वाहन तो 99 हजार से अधिक छोटी गाड़ियों की जरूरत है।

चुनाव के लिए वाहनों की संख्या मिलते ही उसकी जब्त के लिए परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत गाड़ियों की जप्ती तीन तरह से की जाएगी। पहली श्रेणी में वैसी गाड़ियां होंगी जो मात्र एक-दो दिनों के लिए जब्त की जाएगी। इन गाड़ियों से मतदान केंद्र तक कर्मी या सुरक्षा कर्मी आ-जा सकेंगे। दूसरी श्रेणी उन गाड़ियों की होंगी जो एक से दूसरे जिलों में जाने के काम आएंगी। बस, ट्रक आदि गाड़ियों से सुरक्षा बल के जवान एक से दूसरे जिले में जाएंगे। तीसरी श्रेणी में वैसी गाड़ियां होंगी जो पूरे चुनावी काल के लिए जब्त होंगी।

गाड़ियों की जब्ती के साथ ही परिवहन विभाग ने वाहन के आकार-प्रकार के अनुसार सरकार की ओर से किराया भी तय कर दिया गया है। वाहनों का दैनिक किराया के अलावा तेल का पैसा भी अलग से दिया जाएगा। तेल के अलावा ड्राइवरों को खाने-पीने की राशि हर रोज दी जाएगी। जिलों में बने वाहन कोषांग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि वाहन चालकों को खाने-पीने के साथ ही तेल की समस्या नहीं हो।

एक नजर में
11525 बसों की है जरूरत
6593 ट्रक चुनाव में चाहिए
38871 मध्यम वाहन की आवश्यकता
99832 छोटी गाड़ियों की है जरूरत
156821 कुल वाहन चाहिए चुनाव में