बाबू सिंह कुशवाहा का राजनीति में पुनर्जन्म हो गया। उनका समय बदल गया। वो अब जौनपुर के सांसद हैं।

कृपा शंकर सिंह को लाख वोटों से हराकर बाबू सिंह वापिस मुख्य धारा में आए। कभी मायावती के आंख कान और जुबान थे। फिर घोटालों में फंसे तो बुरी तरह उलझे रहे और कैरियर लगभग खत्म हो गया था। लेकिन कुशवाहा ने कोशिश जारी रखी। निराश नही हुए। और अब सबसे ताकतवर उम्मीदवार को परास्त करके विजय प्राप्त किए। कुशवाहा अकेले नहीं आए बल्कि मौर्य कुशवाहा समाज का खासा वोट बैंक लेकर समाजवादी पार्टी में आए हैं। ये समाज हमेशा बीजेपी को वोट करता आया है लेकिन इस बार वोटिंग पैटर्न इस कम्युनिटी का भी बदला।