नाराज प्रदर्शनकारियों ने लगाए मंत्री जी “रहम करो” के नारे, बृजेश पाठक ने सुनी समस्या

सैकड़ों की संख्या में फार्मासिस्ट मंगलवार, दोपहर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के सरकारी आवास के अंदर पहुंचकर घेराव किया। प्रदर्शन कर रहे फार्मासिस्ट ने मंत्री जी “रहम करो” के नारे लगाए। बृजेश पाठक ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनका ज्ञापन देते हुए सभी मांगों को मानने का आश्वासन दिया।
दरअसल, यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने होम्योपैथिक फार्मासिस्ट की भर्ती प्रक्रिया को लगभग 4 साल पहले ही शुरू कर दिया। लेकिन इतने साल बीतने के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति पत्र मुहैया नहीं कराया गया। इसी कारण चयनित अभ्यर्थी फिलहाल आक्रोशित हैं। नाराज फार्मासिस्ट ने मंत्री जी “रहम करो” के खूब नारे लगाए।
यूपी फार्मासिस्ट फेडरेशन के प्रेसिडेंट सुनील यादव के अनुसार परीक्षा देने और उसे पास कर लेने के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र अभी तक नहीं दिया गाय जिसके लिए अभ्यर्थी लंबे समय से संघर्षरत हैं। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से अपनी समस्या बताई है। आगे जानकारी ये है कि फिलहाल, मामले की गंभीरता को देखते हुए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने फार्मासिस्ट से ज्ञापन लिया साथ ही फार्मासिस्ट की फरियाद को सुना।
चयनित अभ्यर्थियों में शामिल राहुल ने बताया कि 2019 में इस उम्मीद से परीक्षा दी थी कि नौकरी मिलने पर भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। चयन के तीन साल बाद भी नियुक्ति नहीं मिल सकी है। मजबूरी में एक मेडिकल स्टोर पर काम करके किसी तरह परिवार का पेट भर रहे हैं। महज आठ हजार के वेतन में बच्चे को पढ़ाना और घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। अकेले एक ही नहीं परीक्षा पास करने वाले अन्य अभ्यर्थी भी इसी दर्द से गुजर रहे हैं। सबका कहना है कि इतने साल बीतने के बावजूद न्याय नहीं मिल सका है।

फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता को देखते हुए तत्काल चयन सूची विभाग को सौंपने की मांग की है। फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि होम्योपैथ फार्मेसिस्ट के 420 पदों पर भर्ती के लिए फरवरी 2019 में विज्ञापन संख्या 02/परीक्षा/2019 द्वाराआवेदन आमंत्रित किये गए थे, 24 अक्टूबर 2019 को प्रतियोगात्मक परीक्षा संपन्न हुई थी। 1 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद 17 दिसम्बर 2020 को परिणाम आया। उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के सभी शैक्षणिक प्रपत्रों का परीक्षण भी आयोग द्वारा 16 मार्च 2021 से 20 मार्च 2021 तक किया गया। लेकिन सभी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद भी चयन सूची अभी तक होम्योपैथिक विभाग को नहीं सौंपी गई है, जिससे नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो पा रहा है।