आंवला। यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वालों तक अवैध पैठ बनाकर क्षेत्र के कुछ सक्रिय दलाल चोट के ग़ैरजरूरी और ज्यादातर फ़र्जी मामलों को भी डाक्टरी कराने के लिए जिला अस्पताल तक रेफर करा देते हैं। बताते हैं कि कुछ वार्ड ब्वाय के जरिए इंचार्ज तक को जोड़कर दो-तीन हजार के लेनदेन का यह धंधा आंवला में आजकल खूब फलफूल रहा है। अंधेरगर्दी की इस करतूत का सबसे बुरा ख़ामियाजा तमाम उन बेग़ुनाहों को भुगतना पड़ता है जिनके खिलाफ़ जिला अस्पताल की फ़र्जी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस फौजदारी के मुकदमे दर्ज कर लेती है और फिर उस गरीब की पुलिस प्रताड़ना, गिरफ्तारी, जेल और अदालती झमेलों में उलझते जाने का दुखदायी सिलसिला चल पड़ता है।