बीते कुछ समय से पीलीभीत की पूरनपुर विधानसभा से विधायक बाबूराम पासवान इस पुल के निर्माण की मंजूरी को लेकर प्रयास कर रहे थे. हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है.
उत्तर प्रदेश आजादी के जश्न के बीच पीलीभीत जिले की ट्रांसशारदा आबादी के लिए एक अच्छी खबर है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने शारदा नदी पर स्थायी पुल के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है. इस पुल के निर्माण से तकरीबन एक लाख की आबादी को सहूलियत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
दरअसल, पीलीभीत जिले के पूरनपुर व कलीनगर तहसील के सैकड़ों गांव शारदा नदी के पार बसे हुए हैं. इन गांवों में तकरीबन एक लाख से भी अधिक आबादी रहती है. इस आबादी को जिला मुख्यालय आने के लिए शारदा नदी पार करना पड़ता है. बता दें कि शारदा नदी पर एकमात्र पंटून पुल है. बारिश के दिनों में शारदा नदी के बढ़े जलस्तर व बाढ़ के खतरे को देखते हुए हर साल इस पंटून पुल को जून से अक्टूबर तक के लिए हटा दिया जाता है. ऐसे में जिला मुख्यालय आने के लिए लोगों को पड़ोसी जनपद लखीमपुर के पलिया कस्बे के रास्ते तकरीबन 130 किमी अधिक दूरी तय करनी पड़ती है
पुल के निर्माण को मिली मंजूरी
इसी वजह से लंबे अरसे से शारदा नदी पर स्थायी पुल बनाए जाने की मांग उठाई जा रही थी. तमाम चुनावों में जन प्रतिनिधियों के द्वारा साइकिल का आश्वासन दिया जा रहा था. लेकिन लंबे समय से मांग ठंडे बस्ते में पड़ी थी. बीते कुछ समय से पीलीभीत की पूरनपुर विधानसभा से विधायक बाबूराम पासवान इस पुल के निर्माण की मंजूरी को लेकर प्रयास कर रहे थे. हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है.
इतनी लागत से बनेगा शारदा पर पुल
पीलीभीत जिले में शारदा नदी पर स्थायी पुल बनाने की मांग दशकों पुरानी है. हाल ही में इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इसके लिए तकरीबन 314 करोड़ रुपए का बजट भी पास कर दिया गया है. यह पुल पूरनपुर इलाके के धनाराघाट पर पूरनपुर-धौरी-कंचनपुर रोड पर बनाया जाना है.
नेपाल बॉर्डर के लिहाज से भी महत्वपूर्ण
पीलीभीत जिले में शारदा नदी के पार इंडो नेपाल बॉर्डर है. ऐसे में नेपाल के नागरिक भी अपनी तमाम मूलभूत आवश्यकताओं के लिए पीलीभीत जिला मुख्यालय का रुख करते हैं. वहीं सुरक्षा के लिहाज से भी शारदा नदी पर स्थायी पुल काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.