कोरोना संक्रमण से बिगड़ते हालात पर समाजवादी पार्टी के मुखिया व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार को अधिकारियों व कर्मचारियों को सुरक्षा की दृष्टि से सप्ताह में केवल चार दिन ही काम पर बुलाने की सलाह दी है। साथ ही, हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही क्वारंटाइन होने की अनुमति देने का सुझाव दिया है जिससे अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए जगह कम न पड़े।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को जारी बयान में आरोप लगाया कि अस्पतालों में इन दिनों कोरोना के नाम पर गंभीर मरीजों को काफी परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बाराबंकी के जिला महिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में मिलीं खामियों का जिक्र करते हुए कहा कि सौ बेड वाले इस अस्पताल पर 20 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मरीजों को व्यर्थ घंटों इंतजार कराने व इलाज में लापरवाही की शिकायतें मिलने की बात भी कही।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि सीतापुर निवासी अयोध्या के पैर में फ्रैक्चर था पर कोरोना जांच के नाम पर केजीएमयू में उसका घंटों इलाज नहीं किया गया। रायबरेली के सुमित को 19 घंटे तड़पना पड़ा। सपा प्रमुख ने कहा कि कोरोना संकट तो है ही परंतु अस्पतालों में इसकी वजह से अन्य गंभीर मरीजों का इलाज न हो, यह उचित नहीं है। गंभीर मरीजों के प्रति भी सरकार की संवेदना रहनी चाहिए। उन्होंने सपा शासनकाल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं होने का हवाला देते हुए भाजपा सरकार द्वारा उन्हें बर्बाद करने का आरोप लगाया।