पीलीभीत में महिला की मौत के बाद अस्पताल बंद कर भागे डॉक्टर; जांच के आदेश

मामला बिगड़ता देख अस्पताल प्रशासन के लोगों ने कुछ रसूखदार लोगों के माध्यम से मामले को निपटा लिया। लेकिन शाम होते ही अस्पताल के कर्मचारी अस्पताल को बंद करके भाग गए। अस्पताल के सामने लगी फ्लेक्सी और बोर्ड भी हटा दिए गए। अंधेरे में ही अस्पताल के भीतर से बहुत सा सामान भी निकाल लिया गया। जिससे अस्पताल के संदिग्ध होने की संभावना बढ़ गई।

प्रसव कराने के नाम पर यहां महिलाओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ठीक से आपरेशन न होने के कारण एक महिला को जान से हाथ धोड़ा पड़ा। सैकड़ों लोगों ने जब अस्पताल के बाहर हंगामा काटा तो अस्पताल प्रशासन ने सांठगांठ करके मामला निपटा लिया। जैसे ही अंधेरा हुआ वैसे ही अस्पताल के कर्मचारी अस्पताल के सामने से बोर्ड हटाकर अस्पताल बंद करके भाग निकले। सीएमओ ने अब जांच के आदेश दे दिए।

माधोटांडा में लाइफ केयर नाम से संचालित अस्पताल में एक महिला का प्रसव कराने के लिए आपरेशन किया गया। आपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ गई और बरेली जाने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। शुक्रवार को सैकड़ों लोग अस्पताल के सामने एकत्रित हुए।

पूरे दिन मामला सुर्खियों में चला रहा। मामला बिगड़ता देख अस्पताल प्रशासन के लोगों ने कुछ रसूखदार लोगों के माध्यम से मामले को निपटा लिया। लेकिन शाम होते ही अस्पताल के कर्मचारी अस्पताल को बंद करके भाग गए। अस्पताल के सामने लगी फ्लेक्सी और बोर्ड भी हटा दिए गए। अंधेरे में ही अस्पताल के भीतर से बहुत सा सामान भी निकाल लिया गया। जिससे अस्पताल के संदिग्ध होने की संभावना बढ़ गई।

बताया जा रहा है कि अस्पताल में सिर्फ फ्लेक्सी पर ही एमबीबीएस चिकित्सकों के नाम लिखे हुए थे। जबकि आपरेशन करने के लिए यहां पर कोई भी एमबीबीएस चिकित्सक नहीं आते थे। अस्पताल में मौजूद कर्मचारी ही महिलाओं का आपरेशन करके फिर प्रसव कराते थे।

स्वास्थ्य विभाग को भी अस्पताल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन या इसमें बैठने वाले चिकित्सक अभी किसी का कोई पता नहीं चल सका। अस्पताल के बाहर लगे बोर्ड पर डा अनिल कुमार सिंह एमबीबीएस जनरल फिजिशियन, डाक्टर आकांक्षा सिंह एमबीबीएस एमएस स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं निदा फातिमा एमबीबीएस एमडी एनेस्थीसिया का नाम तो जरूर लिखा था, लेकिन यहां पर कभी भी इन चिकित्सकों की मौजूदगी नहीं देखी गई।

सिर्फ कर्मचारी ही पूरे अस्पताल को चला रहे थे। इससे पूर्व भी अस्पताल में कई मामले बिगड़ चुके हैं। कुछ माह पहले एक महिला का गलत आपरेशन हो जाने के कारण उसका बरेली में इलाज कराया गया।

वह महिला अभी तक ठीक नहीं है। मामला जब ज्यादा सुर्खियों में आया तो सीएमओ ने शुक्रवार को ही पूरनपुर के एमओआइसी को मौके पर भेजा। लेकिन तब तक कर्मचारी अस्पताल बंद करके भाग चुके थे। वर्जन सीएमओ द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। अस्पताल का मालिक कौन है। इसकी भी जानकारी अभी नहीं हो पाई है। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन है या नहीं इसके बारे में भी जांच की जा रही है।