गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का सबसे अहम पल होता है, प्रेंग्नेंसी के 9 महीने का समय महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बेहद महत्वपर्ण होता है, इस समय जरा सी भी लापरवाही महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए घातक हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से लेकर घर की बड़ी-बुजर्ग महिलाएं, प्रेग्नेंट लेडी को सेहतमंद रहने के लिए कई तरह के सलाह देती हैं, पर इसके बावजूद कई बार जाने अंजाने में कुछ गलतियां हो ही जाती हैं जिसका दुष्परिणाम झेलने को मिलता है। ऐसे में इस तरह की गलतियों के प्रति सतर्क रहना बेहद जरूरी है, आज हम आपको ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान करना मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनो के लिए घातक हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में इन बातो का जरुर रहे ध्यान
प्रेग्नेंसी के दौरान कई चीजों की तेज गंध से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। जैसे कि ये मच्छर भगाने वाले केमिकल्स, स्प्रे और अगरबत्ती भी हो सकते हैं, वहीं पेंट की तेज गंध भी प्रेग्नेंसी के लिए खतरनाक होती है। ऐसे में अगर आपके घर के किसी हिस्से में पुताई हो रही हो, तो उस जगह से दूर ही रहें और खुद तो भूलकर भी पेंटिंग का काम ना करें। क्योंकि पेंट से निकलने वाले कुछ गैस और तत्व गर्भवती महिला की सांसों के साथ अंदर जाकर बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अक्सर लोग गर्भवती महिला को गर्म पानी से नहाने की सलाह देते हैं, जबकि वास्तव में ये खतरनाक हो सकता है। वैसे हल्के गर्म पानी से नहाने में कोई डरने की बात नहीं है पर संभव है कि इससे शरीर का तापमान 101 डिग्री तक पहुंच जाए और ऐसे में आपका ब्लड प्रेशर गिर सकता है.. जिससे आपके बच्चे को जरूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है। दरअसल ऑर्गैनाइजेशन ऑफ टेराटोलॉजी इन्फॉर्मेशन सर्विस का सुझाव है कि गर्भवती महिलाओं को अपने शरीर का तापमान हमेशा 101 डिग्री से नीचे रखने की कोशिश करनी चाहिए।
ये सुनकर आपको हैरानी हो सकती है, पर आपको बता दें कि वास्तव में फलों का जूस गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा नहीं होता है, क्योंकि जूस में शुगर की मात्रा काफी अधिक ज्यादा होती है, ऐसे में जूस के सेवन से बेहतर है कि आप सीधा फल खाएं क्योंकि फल में शुगर कम और फाइबर अधिक होता है। वहीं जूस का सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) की शिकायत हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान पेट के बल तो भूलकर भी नहीं सोना चाहिए, साथ ही पीठ के बल सोना भी खतरनाक हो सकता है। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान सोने की सही पोजिशन है, बाईं करवट सोना । वहीं जब गर्भवती महिला पीठ के बल सोती है तो उसके गर्भाशय का पूरा भार शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन भी बिगड़ सकता है और साथ ही सांस संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान कॉस्मेटिक का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए, क्योंकि आप जो कुछ भी अपनी स्किन पर लगाती हैं, वो त्वचा द्वारा शरीर में अवशोषित कर लिया जाता है और फिर इसका प्रभाव आपके बच्चे पर भी पड़ता है। ऐसे में बेहतर है कि प्रेग्नेंसी के दौरान केमिकल्स वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स का प्रयोग ना किया जाए, खासकर जिनमें सैलिसिलक एसिड, रेटिनॉयड और बेंजाइल पेरोक्साइड जैसे तत्व मौजूद हों, इसके लिए अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स खरीदने से पहले उसके इन्ग्रेंडिएंट्स जरूर चेक कर लें और सोच समझकर ही उसका इस्तेमाल करें।
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