फर्रूखाबाद:(द दस्तक 24 न्यूज़) 31 मई 2025 को उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से जुड़ी महिला लाभार्थियों और विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत सखियों जैसे विद्युत सखी, बैंक सखी, समूह सखी, आजीविका सखी, रानी मिस्त्री, मनरेगा महिला मजदूर/मेट आदि को आमंत्रित किया गया।
महिलाओं ने साझा किए अपने अनुभव
गोष्ठी में विद्युत सखी शमसाबाद की प्रतिनिधि ने बताया कि उन्होंने अब तक लगभग 4.25 करोड़ रुपये का विद्युत बिल जमा कराया है, जिससे उन्हें लगभग 4.50 लाख रुपये की आय हुई है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत सखियों की पहचान अभी सीमित है, जिससे उन्हें अपने कार्य में अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
बैंक सखी सुश्री नम्रता (विकास खण्ड बढ़पुर) ने बताया कि उन्होंने विभिन्न बैंकों से संपर्क कर महिला समूहों की सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) स्वीकृत कराई है, जिससे ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिली है। आजीविका सखी श्रीमती पूनम पाल (कमालगंज) ने बताया कि वे महिलाओं को विभिन्न आजीविका आधारित प्रशिक्षण देकर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य कर रही हैं।
अधिकारियों ने बढ़ाया महिलाओं का उत्साह
कार्यक्रम में अधिशासी अभियंता ट्रांसमिशन सुश्री दीपिका पांडेय, सहायक प्रबंधक उद्योग सुश्री सोनाली सिंह, एवं सहायक अभियंता जल जीवन मिशन सुश्री साक्षी पांडेय ने भी सहभागिता की। उन्होंने अपने-अपने जीवन में आए संघर्षों और उपलब्धियों को साझा कर उपस्थित महिलाओं को प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे किसी भी चुनौती से डरें नहीं और आत्मनिर्भर बनने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें।
प्रशासनिक नेतृत्व का समर्थन
इस अवसर पर परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण श्री कपिल कुमार ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से यह मिथक तोड़ा है कि महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं हो सकतीं। वे अब आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत मोर्चों पर अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिलाधिकारी श्री आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी को सदैव उच्च स्थान प्राप्त रहा है। यह आयोजन लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन को समर्पित है, जिन्होंने अपने शासनकाल में प्रजा के हित को सर्वोपरि माना। उन्होंने विद्युत सखियों की भूमिका को सराहते हुए आश्वासन दिया कि उन्हें विभागीय बैठकों में शामिल करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।