पूरनपुर। सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र में दो ग्रामीणों को शिकार बनाने वाली बाघिन को वन विभाग के अधिकारी पिछले कई दिनों की मशक्कत के बाद भी नहीं पकड़ सके हैं। दरअसल इसमें खुटार रेंज के अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि बीती रात बाघिन को गन्ने के खेत में घेरा जा सकता था परंतु वन विभाग इतना कंगाल निकला कि उसके पास एक एकड़ गन्ने के खेत में चारों तरफ से लगाने के लिए जाल भी नहीं निकाला। जिस कारण बाघिन बच निकली। इसको लेकर ग्रामीणों ने गुस्सा है और वे बाघिन को पकड़ने की मांग के लिए आंदोलन करने का मूड बना रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार शनिवार शाम करीब 9 बजे सुखदेव सिंह पुत्र बचन सिंह निवासी हरिपुर किशनपुर के घर में बाघिन घुसने लगी और दरवाजे पर बैठ गई इससे उनकी पुत्री बाल बाल बच गई। शोर मचाने पर भागी बाघिन
तीरथ सिंह के हरिपुर के खेत में देखी गई। ग्रामीणों ने वन विभाग के साथ मिलकर घंटों 1 एकड़ गन्ने के खेत में उसे घेरा। बाद में बाघिन भाग निकली। गांव के लोगों ने बताया कि खुटार रेंजर से जाल लगाकर घेराबंदी करने को कहा गया तो पता लगा कि इतने से खेत के चारों तरफ़ लगाने के लिए जाल नहीं था। विभाग की कंगाली का लाभ उठाकर बाघिन भाग निकली। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सिख फार्मरों के यहां भोजन करने के बाद आराम फरमाते हैं और बताने पर भी बाघिन को पकड़ने नहीं जाते। वे बाघिन को जंगल की तरफ खदेड़ने की बात कर रहे हैं परंतु दो लोगों को अपना शिकार बनाने के बाद बाघिन और अधिक खूंखार हो गई है और वह 6 महीने से खेतों में रहने की आदत के चलते जंगल की तरफ नहीं जा पा रही है इससे खतरा और अधिक बढ़ गया है। लोगों ने बाघिन को तुरंत ट्रिंकुलाइज करके पकड़ने की मांग की है।