कायमगंज । मोना हत्याकांड में आरोपियों को उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिली है। पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते आरोपी मोना के बाबा विजेंद्र और चाचा विजय ने न्यायालय में समर्पण कर दिया। पुलिस अब आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।
नगर के मोहल्ला नुनहाई निवासी संजू की 13 वर्ष की पुत्री मोना दो मार्च की रात से गायब थी। इस मामले में बाइक सवार दो लोगों का शव जैसा कुछ ले जाते हुए वीडियो वायरल हुआ था। जनपद एटा थाना अलीगंज क्षेत्र के गांव फतेहपुर निवासी किशोरी के मामा विनोद ने उसकी हत्या कर शव गायब करने की आशंका में मुकदमा दर्ज कराया था।
इसके बाद पुलिस आरोपियों की खोजबीन करती रही। मगर कोई सुराग नहीं लगा। पता लगा कि आरोपियों ने कोर्ट में हाजिर होने से पहले हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। इसमें उन्होंने कहा कि मोना ने आत्महत्या कर ली थी। घटना के समय वह घर पर अकेली थी। परिवार के लोग जब घर पहुंचे तो काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला। छत के रास्ते घुसकर उसे फंदे से उतारा गया। आत्महत्या मानते हुए उसका शव को जलप्रवाह कर दिया था। उच्च न्यायालय ने आरोपियों की इस दलील को नकारते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद मजबूर होकर किशोरी के चाचा विजय व बाबा विजेंदर कोर्ट में हाजिर हो गए।
प्रभारी निरीक्षक अनुराग मिश्रा ने बताया कि आरोपियों ने उच्च न्यायालय में याचिका डाली थी। जिसमें उन्होंने यह स्वीकार कर लिया है कि किशोरी का शव गंगा में जलप्रवाह कर दिया है। इससे विवेचना को काफी बल मिला है।आरोपियों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगा दी है। जल्द ही रिमांड पर लिया जाएगा।
संवादाता विनेश कुमार कायमगंज