लोहिया पुरुष अस्पताल में मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बिजली आपूर्ति बंद हो गई। जनरेटर नहीं चलाया गया। लिहाजा लैब, एक्सरे, सीटी स्कैन मशीन ठप रही। वार्डों में मरीज परेशान रहे। एक्सरे रूम में हंगामे के बाद बमुश्किल एक घंटा जनरेटर चला। ब्लड बैंक में भी अंधेरा पसरा रहा।
लोहिया जिला अस्पताल को हर माह डीजल के लिए 35 हजार रुपये शासन से मिलते हैं। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे लोहिया अस्पताल की बिजली गुल हो गई। इससे ओपीडी, इमरजेंसी परिसर, जनऔषधि केंद्र में अंधेरा पसर गया। एक्सरे, सीटी स्कैन, लैब में नमूने लेना भी बंद हो गए। करीब डेढ़ घंटे तक मरीज फर्श और स्ट्रेचर पर लेटे कराहते रहे। इससे गुस्सा पनप गया। तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया।
एक्सरे यूनिट प्रभारी विजय शंकर तिवारी ने बमुश्किल शांत किया। इसके बाद जनरेटर प्रभारी पवन तिवारी को फोन पर जनरेटर चलाने के लिए कहा। उनके हीलाहवाली करने पर काफी तूतू-मैंमैं हुई। साढ़े 11 बजे के करीब एक्सरे यूनिट के लिए जनरेटर चलाया गया। एक घंटे बाद ही इसे बंद कर दिया गया। इससे अधिकतर मरीजों को बिना एक्सरे लौटना पड़ा।
यही हाल अस्पताल की लैब के लिए ब्लड कलेक्शन विंडो का रहा। मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं। संकरी गेलरी में लाइन में लगे मरीजों और तीमारदारों को खासी दिक्कत हुई। दफ्तरों में भी प्रिंटर और कंप्यूटर बंद रहने से कर्मचारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे।
11 मरीजों के हुए सीटी स्कैन, 30 लौटे
सीटी स्कैन यूनिट प्रभारी चंदन ने बताया कि बिजली गुल रहने से जनरेटर नहीं चला। दोपहर साढ़े 12 बजे चंद देर चलाया गया। इसमें 11 मरीजों का जांच हो सकी। करीब 30 मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा।
लैब में 60 मरीजों के लिए जा सके नमूने
लैब में मरीजों की जांच के लिए क्यूआर कोड जनरेट होता है। बिजली न होने की वजह से काम बंद रहा। दोपहर एक बजे के बाद चंद देर जनरेटर से आपूर्ति मिली। बमुश्किल 60 मरीजों का ही नमूना लिया जा सका। हर भीड़ के चलते करीब 200 मरीजों को जांच के लिए लिखा गया था। बिजली आपूर्ति घंटे दो घंटे बंद रही, तो जेनरेटर से सभी यूनिटों को चलाया जा सकता है। मगर बिजली लंबे समय तक गुल रही। लिहाजा दिक्कत खड़ी हो गई। फिर भी अलग-अलग समय पर जनरेटर से बिजली दी गई थी।
संवाददाता : विनेश कुमार कायमगंज