शनिवार को राष्ट्रीय समानता दल के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बिहार की राजधानी पटना के शुभ सार्थक होटल में संपन्न हुआ बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मोती लाल शास्त्री कुशवाहा ने कहा कि राष्ट्रीय समानता दल एक आंदोलन है जो देश में आर्थिक प्रजातंत्र व्यवस्था परिवर्तन तथा सामाजिक न्याय की सरकार लाने के लिए संकल्पित है, राष्ट्रीय समानता दल देश के विभिन्न प्रांतो में आर्थिक प्रजातंत्र और व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई को विगत 25 वर्षों से लड़ रहा है राष्ट्रीय समानता दल देश में सामाजिक न्याय की सरकार चाहता है ।कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश पाल कुशवाहा ने कहा कि देश में सामाजिक न्याय की सत्ता ही देश के वंचित शोषित समाज को न्याय दिला पाएगा ।राष्ट्रीय मुख्य महासचिव अगमस्वरूप कुशवाहा ने कहा कि देश की वर्तमान सत्ता कट्टरपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा दे रही है, संविधान की धज्जियां उड़ा रही हैं, नागरिक अधिकारों का हनन कर रही हैं, राष्ट्रीय समानता दल इसके विरुद्ध युद्ध लड़ेगा ।संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष गोपाल सिंह कुशवाहा ने कहा कि राष्ट्रीय समानता दल 2025 दिल्ली और बिहार प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सक्रियता के साथ भाग लेगा, दिल्ली और बिहार प्रदेश के सभी सीटों पर विधानसभा का चुनाव लड़ेगा। बैठक में राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पास किए गए।
1- बिहार और दिल्ली प्रदेश 2025 के सभी विधानसभा सीटों पर राष्ट्रीय समानता दल चुनाव लड़ेगा।
2- बिहार और दिल्ली के सभी विधानसभाओं में स्थानीय समस्याओं को लेकर प्रति माह एक निश्चित तिथि को आंदोलन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
3- आर्थिक न्याय, शैक्षणिक न्याय, सामाजिक न्याय, के सवाल पर प्रत्येक विधानसभा में पदयात्राएं आयोजित की जाएगी।
4- संगठन को मजबूत बनाने के लिए 1 जनवरी 2025 से लेकर 30 नवंबर 2025 तक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा।
झारखंड प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष कुमुद कुशवाहा ने झारखंड प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत किया तथा बिहार प्रदेश अध्यक्ष परमानंद कुशवाहा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों का स्वागत किया । कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष संजय दीप कुशवाहा राष्ट्रीय महासचिव सरदार कन्हैया सिंह, सीताराम प्रधान जी ,मोतीलाल जी,राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र यादव,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा,विजय कुमार गौड़, इत्यादि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। सामाजिक न्याय की सत्ता स्थापित करने की संकल्पना के साथ,संविधान की प्रस्तावना गा कर कार्यक्रम को अगली बैठक तक के लिए स्थगित किया गया।