पांचालघाट पुल की 50 साल की मियाद पूरी होने के बाद इसी सप्ताह पुल की मरम्मत का काम होगा। इस वजह से भारी वाहनों आवागमन बंद कर दिया गया है। वहीं, चार पहिया सहित अन्य छोटे वाहनों का निकलना जारी रहेगा। मरम्मत की वजह से पुल पर एक माह तक आवागमन प्रभावित रहेगा।
करीब 50 वर्ष पुराना पांचाल घाट स्थित गंगा पुल अब जर्जर हो गया है। फोरलेन हाईवे के निर्माण से पुल पर यातायात का भी दबाव बढ़ा। इससे पुल के जोड़ पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। हाईवे के हिसाब से पुल की चौड़ाई कम होने की वजह से फोरलेन नया पुल स्वीकृत हो चुका है। वहीं पुराने पुल की मरम्मत भी कराई जानी है।
एनएचएआई की परियोजना क्रियान्वयन इकाई(पीआईयू) कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पांचाल घाट गंगा पुल की मरम्मत के लिए जिला प्रशासन व पुलिस अधीक्षक से अनुमति मांगी गई है। इसमें अधिकतम एक माह का कार्य दिखाया गया है। हालांकि मरम्मत कार्य में 15 से 20 दिन लगने की संभावना है। मरम्मत कार्य में पुल पर जोड़ के गड्ढे, बेयरिंग, फुटपाथ, ज्वाइंट व रेलिंग आदि कार्य शामिल है।
मरम्मत कार्य के लिए कोई अलग से बजट निर्धारित नहीं, बल्कि एन730सी के निर्माण में ही मरम्मत कार्य शामिल है। फिलहाल मरम्मत कार्य के दौरान कार, टेंपो, बाइक आदि छोटे वाहन पुल से ही निकलते रहेंगे।
भारी वाहनों को सेंट्रल जेल चौराहा या बघार से होते हुए शमसाबाद के ढाई घाट पुल से पास कराकर अमृतपुर होते हुए जमापुर या डबरी से हाइवे पर निकाले जाएंगे। इससे भारी वाहनों को करीब 20 किमी से अधिक दूरी का चक्कर लगाना पड़ेगा। प्रशासन की ओर से कार्तिक पूर्णिमा स्नान को देखते हुए अभी मरम्मत की अनुमति नहीं मिली है। हालांकि इसी सप्ताह अनुमति मिलने के साथ मरम्मत कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
पांचाल घाट पुल की मरम्मत के लिए प्रशासन की बैठक में तिथि निर्धारित की जाएगी। इसी के साथ ही बड़े वाहनों का रूट डायवर्जन भी तय किया जाएगा। कार्तिका पूर्णिमा पर गंगा स्नान की वजह से दो-तीन दिन बाद ही बैठक कर निर्णय लिया जाएगा , सुभाष चंद्र प्रजापति, अपर जिलाधिकारी।