जलालाबाद । कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी द्वारा पोषण माह के अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पोषक आहार तैयार करने में मोटे अनाजों का समिश्रण के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ चंद्रकला ने मोटे अनाजों पर जानकारी देते हुए बताया कि भारत में कुपोषण से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या बहुत अधिक है, और यह विभिन्न आयु वर्गों के लोगों को प्रभावित करता है ।बताया कि कुपोषण को दूर करने के लिए मोटे अनाजों जैसे रागी, कोदो, ज्वार, बाजरा, सावाँ आदि को अपने भोजन में शामिल करे क्योंकि इन मोटे अनाजों में सूक्ष्म पोषक तत्व बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। केंद्र की वैज्ञानिक डॉ पूनम सिंह ने गर्भावस्था से लेकर शिशु के 2 साल तक के बीच के सुनहरे 1000 दिन के विषय में विस्तार से जानकारी दी बताया कि 1000 दिन के दौरान माता के बेहतर पोषण को सुनिश्चित करे व शिशु के जन्म के 1 घंटे के भीतर का स्तनपान एवं उसके बाद 6 माह तक का केवल स्तनपान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। साथ ही 6 माह के बाद शिशु को अनुपूरक आहार अवश्य दे। कार्यक्रम में पहुँची आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो को सहजन के पौधे के साथ विदाई दी गयी।
कन्नौज से संवाददाता पूनम शर्मा