कन्नौज। गणपति बप्पा को धूमधाम से बिदा करने और अगले वर्ष पुनः आमंत्रण के साथ तिर्वा नगर क्षेत्र में दर्जनों शोभा यात्रायें निकाली गईं।
पुष्प वर्षा और रंग गुलाल के बीच निकाली गई गणपति विसर्जन यात्राओं में सैकडों की संख्या में महिला पुरुष और युवा डीजे की धुनों पर जमकर थिरकते हुये नजर आ रहे थे। 6 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर तिर्वा सहित नगर क्षेत्र में दर्जनों स्थानों पर गणपति की स्थापना भव्यता के साथ की गई थी। जगह जगह कथा कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था। इसके बाद लगातार कार्यक्रमों का सिलसिला जारी रहा। बीते सोमवार को गणपति कथाओं के समापन के दौरान कई जगहों पर भंडारे का आयोजन भी किया गया था। मंगलवार के भी सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने आयोजित भंडारे में प्रसाद का स्वाद भी चखा। इसके बाद मंगलवार को अन्नत चतुर्दशी के पर्व पर बप्पा को बिदाई देने को विसर्जन शोभायात्रायें निकाली गईं। मंगलवार को सुबह से ही विसर्जन की प्रक्रिया से पहले गणपति की पूजा अर्चना की गई। गणपति को मोदक और मिष्ठान के भोग लगाया गया। एक कपड़े में सुपाड़ी, दूर्वा, मिठाई आदि पूजा सामग्री रखकर उसको गणपति की मूर्ति के साथ बांधा गया। बिदाई से पहले गणपति की आरती और जयकारे भी लगाये गये। गणेश विसर्जन के पीछे की महत्ता को बताते हुये भक्त बताते हैं कि, भगवान गणेश पर्व के अंतिम दिन अपने माता पिता से मिलने कैलाश पर्वत पर लौटते हैं।
मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में शामिल भक्त विसर्जन यात्राओं में अपनी आस्था को नाचते गाते साफ दर्शा रहे थे। तिर्वा नगर के मंडी बाजार, लोहिया नगर, अशोक नगर से लेकर विभिन्न वार्डों के अलावा क्षेत्र में जगह जगह स्थापित गणपति को मंगलवार को सायं तक बिदाई देने की प्रक्रिया इस आस्था के साथ जारी रही, कि अगले बरस फिर आपका आगमन हो,गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ,, के जयकारों के साथ गणपति की मूर्तियों को नदी, गंगा जी आदि पर जाकर विसर्जन की प्रक्रिया जयकारों के साथ पूरी की गई। विसर्जन के उपरांत पानी को पीपल के पेड़ के नीचे और पवित्र पौधों के गमलों में डाल दिया गया। क्षमा प्रार्थना के साथ पूजा में इस्तेमाल की गई पूजा सामग्री को भी विसर्जित किया गया। पुरे दिन महिला पुरुषों और बच्चों में उल्लास का माहौल साफ नजर आया।
कन्नौज से संवाददाता पूनम शर्मा