पीलीभीत के बीसलपुर तहसील क्षेत्र के गांव सफौरा निवासी राकेश कुमार हाथरस कांड के चश्मदीद हैं। उनका कहना है कि हाथरस कांड बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में हुआ। कार्यक्रम स्थल पर बरसात के कारण कीचड़ हो गया था। इसकी वजह से कुछ लोग पहलेे गिरे, उनके ऊपर लोग गिरते चले गए। मिट्टी चिकनी होने की वजह से अधिकतर लोग नाले में गिर गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। चीख पुकार कानों में अब भी गूंज रही है।
राकेश कुमार ने बताया कि वह भोलेबाबा के सच्चे पक्के भक्त हैं। वह उनके हर कार्यक्रम में जाते हैं। वह हाथरस के कार्यक्रम में भाग लेने एक बस लेकर गए थे। बस में बीसलपुर क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों के 60 अनुयायी गए थे। उन्होंने बताया कि हाथरस में जिस स्थान पर कार्यक्रम हो रहा था, वहां काफी कीचड़ थी। पड़ोस में एक गहरा नाला भी था।
बताया कि कार्यक्रम स्थल की मिट्टी काफी चिकनी और पोली थी। प्रवचन खत्म होते ही श्रद्धालुओं में भोले बाबा के पैर छूकर आशीर्वाद लेने की होड़ लग गई थी। इनमें महिलाएं और बच्चे ज्यादा थे। बारिश के कारण हुए कीचड़ में पैर फिसल जाने के कारण कुछ लोग गिर गए थे। गिरे हुए लोगों के ऊपर काफी लोग निकल गए थे। कुछ लोग नाले में गिर गए थे। नाले में पानी भरा हुआ था। पानी में दम घुटने की वजह से कुछ लोगों की मौत हो गई।
राकेश ने बताया कि यह सारा वाकया कुछ ही देर में बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में हो गया। मौके का हाल देखकर इतना बड़ा हादसा होने का विश्वास नहीं हो रहा है। राकेश ने बताया कि हादसा होते ही वह अपनी बस लेकर वहां से चल दिए थे। वह जितने लोगों को लेकर गए थे, सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं। रात 11 बजे घर लौट आए थे। राकेश और बस में आए लोग काफी दहशत में हैं। राकेश ने यह भी बताया कि हादसा हुए काफी समय हो गया है, लेकिन मंजर अब भी उनकी आंखों के सामने घूम रहा है। घर आने के बाद उन्हें नींद नहीं आई है। जब अकेले बैठे होते हैं तो घटनास्थल की आवाजें कानों में गूंजने लगती हैं। कैसे जान बचाने के लिए बचाव-बचाव लोग चिल्ला रहे थे।
सकुशल लौटे भोले बाबा के अधिकांश अनुयायियों ने लोगों के सवालों के जवाब देने से बचने के लिए अपने मोबाइल फोन बंद कर रखे हैं। ये लोग बुधवार को अपने घरों से भी बाहर नहीं निकले। बताया जाता है कि हादसे से भयभीत इन लोगों ने लौटने के बाद अभी तक जलपान और भोजन भी नहीं किया है।