माधोटांडा-पीलीभीत मार्ग के नवीनीकरण का प्रस्ताव मंजूर होने के बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई थी। जब वित्तीय बिड होने को थी तो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। अब आचार संहिता हटने के बाद काम शुरू किया जाएगा।
एक दशक पूर्व पीलीभीत से माधोटांडा तक 30 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई थी। मौजूदा समय में यह सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। यहां से चार पहिया क्या दो पहिया वाहन चालकों को भी गुजरने में खतरा रहता है। 30 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर अब गहरे गड्ढों के अलावा कुछ नहीं बचा है।
इधर बीच सड़क पर गहरे गड्ढे जानलेवा होते जा रहे हैं। जनवरी में राज्यपाल के दौरे के दौरान इन गड्ढों को भरा गया था। इसके बाद मार्च में फिर गड्ढे भरने का काम किया गया। अब तो पूरी सड़क ही उधड़ गई है। सड़क का यह हाल देखकर लोक निर्माण विभाग की ओर से आठ माह पहले शासन को नई सड़क बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था।
शासन स्तर से सड़क के नवीनीकरण के लिए 7.50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया। बजट मंजूर होने के बाद इसकी टेंडर प्रक्रिया को शुरू किया गया था। इसके बाद वित्तीय बिड खुलनी थी। इससे पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। इसके चलते काम जहां का तहां रुक गया था।
चूका और गोमती जाने के लिए है मुख्य मार्गबरेली और अन्य शहरों के अलावा उत्तराखंड से चूका जाने वाले सैलानियों के लिए यही एकमात्र सीधी सड़क है। इससे सैलानी चूका के अलावा अन्य स्थानों पर जाते हैं। मौजूदा समय में सड़क गड्ढों के कारण इतनी बदहाल हो चुकी है कि कार को 30-40 प्रति घंटे की रफ्तार से भी नहीं चला जा सकता। सबसे अधिक समस्या रात के समय होती है। रात में गड्ढे दिखाई न देने से हादसे की आशंका बनी रहती है।
पांच हजार वाहन रोजाना गुजरते हैं इस मार्ग सेपीलीभीत-असम रोड पर टोल प्लाजा बन जाने के कारण इस सड़क पर वाहनों का आवागमन और ज्यादा बढ़ गया है। बाइफरकेशन और चूका जाने वाले सैलानियों के अलावा क्षेत्र के करीब 30 गांवों के लोग भी पीलीभीत-माधोटांडा मार्ग का प्रयोग करते हैं। गांव से मुख्यालय आने के लिए एकमात्र यही मार्ग है। चीनी मिल चलने पर गन्ने के सबसे अधिक वाहन इसी सड़क से होकर गुजरते हैं।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद अब जल्द ही पीलीभीत- माधोटांडा मार्ग के नवीनीकरण का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए 7.50 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इससे पहले गड्ढों को ठीक करवाया जाएगा।