लखनऊ स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम नदवातुल उलेमा (नदवा कॉलेज) के छात्रों को कुरान और धार्मिक शिक्षा के साथ कानून की भी शिक्षा दी जाएगी। कानून और संविधान की शिक्षा लेने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ‘लीगल लिटरेसी’ नाम से शुरू हुए कोर्स की अवधि 1 साल होगी। जिसमें छात्रों को कानून की बेसिक जानकारी दी जाएगी।
दारुल उलूम नदवातुल उलेमा में लीगल लिटरेसी कोर्स की शुरुआत आधिकारिक रूप से की गई है। इसको लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें रिटायर्ड जज एस.एम. हसीब, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लॉ फैकल्टी के डीन प्रोफेसर नसीम अहमद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर और नदवा के वरिष्ठ शिक्षक मौलाना आतीफ अहमद बस्तवी ने छात्रों को संबोधित किया।
मौलाना अतीक अहमद ने कहा, लीगल लिटरेसी कोर्स शुरू करने का उद्देश्य मदरसे के छात्रों को धार्मिक शिक्षा के साथ उन्हें संविधान और कानून की भी जानकारी दी जाए। मौलाना ने कहा कि छात्रों को कानून की जानकारी जरूरी है। जिससे वह कोई ऐसा काम न करें जो देश के कानून के खिलाफ हो। कानून की पढ़ाई से छात्र बेहतर इंसान और संविधान के जानकार बनेंगे।
प्रोफेसर नसीम अहमद ने कहा, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी और नदवा कॉलेज के बीच एक एमओयू साइन हुआ है। जिसके तहत एक साल के कोर्स में छात्रों को लॉ के 5 टॉपिक पढ़ाए जाएंगे। जिसका सिलेबस तैयार कर लिया गया है।
प्रोफेसर नसीम ने कहा, इस कोर्स को छात्रों को लॉ के प्रति जागरूक करने के लिए शुरू किया गया है। कोर्स पूरा होने के बाद छात्रों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। मगर इस सर्टिफिकेट का यूज़ लीगल प्रैक्टिस में नहीं कर सकते हैं। प्रोफेसर ने कहा, लीगल क्लास को लेकर छात्र बहुत उत्साहित हैं। छात्रों को क्रिमिनल लॉ, कॉन्स्टिट्यूशन लॉ, फैमिली लॉ और यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे जरूरी कानून पढ़ाए जाएंगे।