पीलीभीत संसदीय सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी में टिकट की घोषणा को लेकर उलटी गिनती शुरू हो गई है। जल्द ही टिकट घोषित होने की संभावना है। हालांकि अभी भी राजनीतिक गलियारे में चर्चा इसी बात को लेकर छिड़ी है कि पार्टी मौजूदा सांसद वरुण गांधी को टिकट दे रही या नहीं। मौजूदा सांसद के साथ ही केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार, पूर्व सांसद बलराज पासी, पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा, पूर्व विधायक किशनलाल राजपूत टिकट के दावेदार हैं।
पीलीभीत संसदीय सीट को पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की परपंरागत सीट माना जाता रहा है। वह इस सीट से छह बार सांसद निर्वाचित हुई हैं। वहीं उनके पुत्र वरुण गांधी भी दो बार इस सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। सासंद वरुण गांधी देश के ज्वलंत मुद्दों को लेकर विगत करीब दो वर्ष से मुखर होकर सरकार को असहज करने वाले सवाल उठाते रहे हैं। किसान आंदोलन, बेरोजगारी, निजीकरण, आर्थिक नीति, पेपर लीक आदि मुद्दों को लेकर सासंद वरुण गांधी मुखर होकर अपनी राय जाहिर करते रहे हैं।
हालांकि सांसद वरुण गांधी के इस रुख पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है। इधर, कुछ समय से सांसद वरुण गांधी के तेवर भी नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। इसे लोकसभा चुनाव टिकट मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।
सांसद वरुण गांधी के रुख को लेकर भारतीय जनता पार्टी संगठन के पदाधिकारी अंदरखाने नाराज चल रहे हैं, लेकिन खुलकर बात करने से परहेज करते हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर पहली सूची जारी कर दी है। अब दूसरी सूची भी जारी होने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सासंद वरुण गांधी के समर्थक भी टिकट मिलने की आस लगाए बैठे हैं। वहीं टिकट हासिल करने के लिए गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार, पूर्व सांसद बलराज पासी, केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा, पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा, पूर्व विधायक किशनलाल तथा बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद भी सक्रिय हैं।
राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार तथा पूर्व सांसद बलराज पासी तो हाल ही में कई दिन दिल्ली में ही दौड़धूप करते रहे हैं। फिलहाल तराई के राजनीतिक गलियारे में यही चर्चा है कि भाजपा संगठन सांसद वरुण गांधी को टिकट देगा या नहीं? वरुण गांधी के बाद कौन?। भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह कहते हैं कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया और घोषणा राष्ट्रीय स्तर से ही होनी है। स्थानीय स्तर पर इस बारे में किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है।