पीलीभीत में करीब दो वर्ष पहले शुरू हुआ पीलीभीत-बरेली मार्ग से कनाकोर तक सड़क का निर्माण अब तक अधूरा है। इस सड़क के निर्माण को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से वर्ष 2022 मेंं मंजूरी मिली थी। 4.87 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया। टेंडर के बाद ठेकेदार सड़क पर पत्थर डालकर गायब हो गया। तब से सड़क इसी हालत में पड़ी है। ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
वर्ष 2022 में पीलीभीत मार्ग से कनाकोर होकर सैजनाचक तक जाने वाली सड़क का 4.87 करोड़ रुपये से निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। यह सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बननी थी। सड़क के निर्माण का ठेका लखनऊ की फर्म ने लिया था। काम शुरू हुआ और ठेकेदार ने पुरानी सड़क खोद दी और पत्थर डाल दिए।
काम होता देख ग्रामीणों को लगा कि अब उनका रास्ता सुगम हो जाएगा, लेकिन काम शुरू होने के कुछ माह बाद ठेकेदार गायब हो गया और काम अधूरा छोड़ दिया। कई दिन तक जब काम शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत संबंधित विभाग आरईएस के अधिकारियों से की फिर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। करीब दो साल से काम अधूरा ही पड़ा हुआ है। सड़क पर पड़े पत्थर लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। जहां से पैदल निकलना भी दूभर हो रहा है। हल्की बारिश में ही सड़क तालाब बन जाती है। सबसे अधिक समस्या स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है। आए दिन बच्चों को चोट भी लगती है। ग्रामीणों की समस्या को लेकर जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जून 2023 में पूरा होना था काम
इस सड़क का निर्माण जून 2023 में पूरा होना था। इसके बाद अनुरक्षण का काम वर्ष 2028 तक तय किया गया था। समय बीत जाने के बाद भी निर्माण के नाम पर मात्र पत्थर ही पड़े हैं। कुछ ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए सड़क को खुद ही समतल कर लिया है।
ग्रामीणों ने बयां किया दर्द
कई वर्षों से सड़क की मरम्मत का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद काम शुरू हुआ तो उम्मीद जगी, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया। – मुनेंद्र गंगवार
बारिश के दिनों में अधिक दिक्कत होती है। सड़क पर पत्थर पड़े होने से गाड़ी पंक्चर हो जाती है। छोटे बच्चों को स्कूल जाने में बहुत दिक्कत होती है। – भूदेव पटेल
मामले की जानकारी लगी है। फिर से सड़क को अपग्रेड किया गया है। आज से काम शुरू कर दिया जाएगा। – राजेश कुमार, अधिशासी अभियंता, आरईएस