पीलीभीत में गांवों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण मनरेगा, पंचायती राज विभाग और आईसीडीएस की धनराशि से होता है। व्यय वित्त समिति की बैठक में भवन के लिए 12 लाख का प्रस्ताव रखा गया था। धनराशि में कटौती कर अब इसे 11.84 लाख तय किया गया है। जिले में 44 आंनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाएगा। सीडीओ ने भवन निर्माण के लिए खंड विकास अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
छोटे बच्चों को साक्षर बनाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालन किया जा रहा है। कई आंगनबाड़ी केंद्र गांव के स्कूलों में ही एक कमरे में चल रहे हैं। आंगनबाड़ी के खुद के भवन के लिए शासन में प्रस्ताव भेजा गया था। इसके तहत प्रत्येक भवन निर्माण में तीन विभागों की धनराशि को मिलाकर व्यय समिति की बैठक में 12 लाख का प्रस्ताव दिया गया था।
बैठक में व्यय समिति के इस प्रस्ताव में 16 हजार रुपये की कटौती करते हुए 11.84 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं। निर्माण पर खर्च होने वाली धनराशि में दो-दो लाख रुपये आईसीडीएस और पंचायती राज विभाग का होगा। जबकि 7.84 लाख रुपये मनरेगा से खर्च किए जाएंगे। तीनों विभागों की धनराशि से एक भवन को तैयार किया जाएगा। प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों को तय समय में गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निर्माण कराने के आदेश जारी किए हैं।
इन ब्लॉकों में होगा 44 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण बरखेड़ा ब्लॉक में सबसे अधिक 15 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण होगा। इसके अलावा बीसलपुर ब्लॉक में चार, मरौरी ब्लॉक में 10, बिलसंडा में दो, पूरनपुर में चार और ललौरीखेड़ा ब्लॉक के चार गांवों में नए आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कराया जाएगा।
38 गांवों में बेसिक स्कूल परिसर में ही बनेगा आंगनबाड़ी का भवन
जिले में बनाए जाने वाले 44 नए आंगनबाड़ी केंद्रों में 38 केंद्रों का भवन परिषदीय स्कूलों के परिसर में ही बनाया जाएगा। इसके अलावा चार गांवों में यह भवन ग्रामसमाज की भूमि पर बनाए जाएंगे। इनके स्थान भी तय किए जा चुके हैं। जबकि दो गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जगह का निर्धारण होना अभी बाकी है।
जिले में 44 नए आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाएंगे। इसके लिए बजट जारी किया गया है। सभी खंड विकास अधिकारियों को चयनित स्थानों पर भवन तय समय में पूरा कराने के लिए कहा गया है।