पीलीभीत में स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में 1150 स्वर्गवासी भी आयुष्मान

पीलीभीत के बीसलपुर सीएचसी पर पहुंची आयुष्मान कार्ड लाभार्थियों की सूची में करीब 1150 मृतकों के नाम शामिल हैं। इन मृतकों का नाम सूची से हटाने को लेकर विभाग असमंजस में है। उच्चाधिकारियों को चार बार रिपोर्ट भेजने के बाद भी सूची से मृतकों के नाम तो नहीं हटे, शेष लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए दबाव जरूर बनाया जा रहा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 2017 में आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाने के लिए 67 हजार लाभार्थियों के नाम और पते की सूची उपलब्ध कराई गई थी। विभागीय कर्मचारियों की 67 टीमों ने सूचीबद्ध लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाने शुरू कर दिए। नियमानुसार इन लाभार्थियों के कार्ड 31 दिसंबर 2023 तक बन जाने थे।

अधिकतर लाभार्थियों के कार्ड बना भी दिए गए। करीब दो हजार लाभार्थी जो विभिन्न शहरों में रह रहे थे, उनके कार्ड भी बन गए। कार्ड बनाने के साथ-साथ टीमों ने जब घर-घर सर्वे किया तो पता चला कि 1150 लाभार्थियों की मृत्यु हो चुकी है। रिपोर्ट के आधार पर सीएचसी अधीक्षक ने वर्ष 2017 से अब तक उच्चाधिकारियों को चार बार रिपोर्ट भेजी और मृतक लाभार्थियों के नाम सूची से हटाने की संस्तुति की।

अधिकारियों की अनदेखी से इन लाभार्थियों के नाम अब तक सूची से नहीं कटे हैं। नाम न हटने से कर्मचारी असमंजस में हैं कि मृतकों का कार्ड कैसे बनाया जाएगा। जबकि अधिकारी आयुष्मान कार्ड के शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। (संवाद)

इन स्थानों के हैं मृतक लाभार्थी
नगर के अलावा, रसायाखानपुर, मीरपुर वाहनपुर, रिछोला सबल, चंदपुरा, चठिया सेवाराम, रोहनिया, खनंका, लुहिचा, रढ़ैता, नवदिया सितारगंज, रंपुरा, दौलतपुर हीरा, चौखंडी, खांडेपुर, बरसिया, अमृता खास, भदारा, अदिलाबाद, करनपुर लायकराम, और जसोली दिवाली।

चार बार भेज चुके हैं रिपोर्ट
टीमों को घर-घर भेजकर कराए गए सत्यापन से पता चला कि सूची में 1150 मृतकों के नाम हैं। नाम हटवाने के लिए चार बार रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। किसी कारणवश सूची से अब तक मृतकों के नाम हट नही पाए हैं। 29 फरवरी को फिर विभागीय उच्चाधिकारियों को रिपेार्ट भेजकर सूची से मृतकों के नाम हटाने की संस्तुति की जाएगी। डॉ. लेखराज गंगवार, अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

बीसलपुर सीएचसी से अभी कोई सूची नहीं आई है। यदि ऐसा है तो सूची आने पर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की खामियां आ रही हैं। शासन के पास ऐसा मामला जा रहा है। योजना में वास्तविक पात्रों को ही लाभ दिया जाएगा। डॉ. आलोक कुमार, सीएमओ