बरेली- सितारगंज हाईवे के लिए ली गई भूमि का मुआवजा देने के लिए सभी दस्तावेज और प्रक्रिया के बाद हरी झंडी दे दी गई है। इसके लिए आठ करोड़ रुपये की स्वीकृत पत्र जारी हो गया है। अब किसानों के खातों में रुपये डाले जाएंगे। कई दिनों से सिटी मजिस्ट्रेट के यहां पत्रावलियों का सत्यापन कार्य चल रहा था।
बरेली से पीलीभीत होते हुए सितारगंज तक प्रस्तावित फोरलेन हाईवे के निर्माण को अब गति मिलेगी। सदर तहसील के बाद दूसरे चरण के लिए अमरिया तहसील क्षेत्र के 27 गांवों के किसानों की जमीन इसमें आ रही थी। इसके लिए किसानों की जमीन का सत्यापन कराया जा रहा था। सत्यापन के दौरान किसानों से जमीन से संबंधित दस्तावेज मांगे गए थे। इसके बाद राजस्व रिकॉर्ड से इनका मिलान करवाया जा रहा था। दस्तावेज मिलने के बाद सत्यापन की स्थिति अब स्पष्ट हो गई है।
इस पर सभी किसानों के खातों में उनकी जमीन के सापेक्ष मुआवजा धनराशि भेजने की राह भी आसान हो गई है। मुआवजे को लेकर सत्यापन रिपोर्ट अपलोड की गई थी और आठ करोड़ रुपये स्वीकृति होनी थी। केंद्र सरकार से पूरा बजट के लिए मंजूरी मिल गई है। इससे किसानों के खातों में धनराशि आनी शुरू हो जाएगी। हाईवे के निर्माण में दोनों ही तहसीलों के 2370 किसानों की 72.2407 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की गई है। जमीन के सभी दस्तावेजों का सत्यापन पूरा करने के बाद मुआवजा के लिए मंजूरी मिलनी थी। इसके लिए आठ करोड़ रुपये थे। अब इसकी स्वीकृति मिल गई है। इससे अब किसानों के खातों में धनराशि आने लगेगी। अभी ओर धनराशि क्लीरेंस के लिए पड़ी हुई है। – सुनील कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट