पीलीभीत में इमरजेंसी वार्ड के गेट पर प्रसव, नवजात की मृत्यु, डीएम के निर्देश पर पहुंची टीम ने की जांच

राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन संचालित जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के गेट पर महिला का प्रसव हो गया। समय पर स्टाफ के न पहुंचने के कारण नवजात की मृत्यु हो गई। लापरवाही पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच समिति गठित कर दी है। उधर जिलाधिकारी ने भी इसका संज्ञान लिया। डीएम ने स्थानीय अभिसूचना इकाई की टीम को जिला अस्पताल भेजकर पूरे मामले की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन संचालित जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के गेट पर महिला का प्रसव हो गया। समय पर स्टाफ के न पहुंचने के कारण नवजात की मृत्यु हो गई।

इस लापरवाही पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच समिति गठित कर दी है। उधर, जिलाधिकारी ने भी इसका संज्ञान लिया। डीएम ने स्थानीय अभिसूचना इकाई की टीम को जिला अस्पताल भेजकर पूरे मामले की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। बरेली जिले के थाना हाफिजगंज अंतर्गत गांव पृथ्वीपुर निवासी सुमन यहां गांव देवीपुरा में अपनी ननद के घर मेहमानी में आई थीं। सुमन गर्भवती थीं, बुधवार को दोपहर प्रसव पीड़ा होने पर उनके ससुर कृष्णपाल रिश्तेदारी की महिलाओं के साथ सुमन को ई-रिक्शा पर सवार कराकर अपराह्न करीब 2.45 बजे जिला अस्पताल पहुंचे।इमरजेंसी वार्ड के निकट ही महिला को प्रसव की स्थिति बन गई। इस पर उनके ससुर ने इमरजेंसी वार्ड में जाकर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक को बताया लेकिन चिकित्सक ने कहा कि उसे महिला अस्पताल ले जाएं।

तब ससुर ने कहा कि प्रसव हो रहा है, ऐसी हालत में कैसे ले जा सकते हैं, लेकिन चिकित्सक व स्टाफ ने एक न सुनी। इसी दौरान महिला को इमरजेंसी वार्ड के गेट के पास ही साथ आई महिलाओं ने पर्दा लगाकर प्रसव कराया। इस बीच जिला महिला अस्पताल का स्टाफ आ गया। स्टाफ ने मदद की, लेकिन नवजात की तुरंत मृत्यु हो गई। बाद में प्रसूता को ले जाकर जिला महिला अस्पताल में भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आलोक कुमार को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक व अन्य स्टाफ की घोर लापरवाही मानते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए समिति गठित कर दी। उधर, डीएम संजय कुमार सिंह के संज्ञान में भी घटना आ गई। उन्होंने स्थानीय अभिसूचना इकाई की टीम को जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा। टीम ने प्रसूता, उसके ससुर के साथ ही इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक व अन्य स्टाफ के बयान कलमबंद किए।

सीएमओ का कहना है कि पूरे मामले की जांच के लिए डिप्टी सीएमओ डा. एसके सिंह व डा. सीपी सिंह की समिति गठित कर दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उधर, जांच अधिकारी डा. एसके सिंह ने प्रसूता के ससुर के बयान लिए तो उन्होंने लिखित तौर पर कहा कि वह इमरजेंसी वार्ड के स्टाफ से जिला महिला अस्पताल का रास्ता पूछते रहे, लेकिन किसी ने नहीं बताया।

लापरवाही पर बिलसंडा सीएचसी स्टाफ पर हो चुकी कार्रवाई

झोपड़ी में जलकर जिंदा जल जाने वाली बुजुर्ग महिला के शव को ले जाने के लिए वाहन नहीं उपलब्ध कराया गया था। ऐसे में बिलसंडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से परिजनों को शव ठेली पर रखकर ले जाना पड़ा। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ तो सीएमओ ने संज्ञान लिया। इसे घोर लापरवाही मानते हुए सीएचसी के अधीक्षक व फार्मासिस्ट को तत्काल हटा दिया गया था। साथ ही वार्ड ब्वाय को निलंबित कर दिया गया था।