पीलीभीत की पुलिस ने बनाया डकैतों की संख्या कम बताने का दबाव

पीलीभीत के पूरनपुर वारदात के बाद पुलिस का पूरा जोर तहरीर में डकैतों की संख्या कम लिखाने पर रहा। पुलिस चाहती थी कि नकदी भी 15 लाख से कम लिखी जाए। सुनील ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद डकैत परिवार को घर में बंद कर गए। दुकान की चाबी दुकान के पास फेंक गए। डकैतों के जाने के बाद बमुश्किल खिड़की के पास आकर हाईवे से निकल रहे एक ई-रिक्शा चालक को आवाज देकर बुलाया। उसने घर का बाहर से लगा कुंडा खोला।

ई-रिक्शा चालक के मोबाइल से ही सुनील ने परिचितों को वारदात की जानकारी दी। डकैत करीब आधा घंटे घर में रहे। रात करीब साढ़े नौ बजे पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस करीब 10 बजे मौके पर पहुंची। सीओ आलोक सिंह ने बताया कि व्यापारी ने पहले घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने से इन्कार कर दिया। रात करीब एक बजे चार बदमाशों के घर में घुसकर लूटपाट करने की तहरीर दी।

इधर, सुनील का कहना है कि पुलिस ने पांच की जगह चार बदमाशों के ही घर में घुसने की बात लिखकर देने का दबाव बनाया था, जबकि डकैतों की संख्या सात थी। पांच डकैत घर में घुसे थे, जबकि एक कार में बैठा रहा और एक दुकान के बाहर पहरा देता रहा। पुलिस चाहती थी कि तहरीर में नकदी भी 15 लाख न लिखी जाए। यानी पुलिस की मंशा लाखों की डकैती की इस वारदात को हजारों की लूट में दर्ज करने की थी।

बुधवार सुबह उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रांतीय उपाध्यक्ष हंसराज गुलाटी, नगराध्यक्ष हाजी मोहम्मद जाहिद खां, महामंत्री अजय खंडेलवाल, प्रांतीय मंत्री विजयपाल विक्की, दीपक अग्रवाल, सुनील गुप्ता, सुरेंद्र अग्रवाल, किराना व्यापारी नेता राजेंद्र आर्य आदि सुनील के घर पहुंचे और घटना की रिपोर्ट डकैती में दर्ज करने की मांग की। पुलिस लूट और व्यापारी नेता डकैती में रिपोर्ट दर्ज कराने पर अड़े रहे। घटनास्थल पर पहुंचे एसपी को प्रांतीय व्यापारी नेता हंसराज गुलाटी ने डकैती की घटना होने और पांच डकैतोंं के घर में घुसने की जानकारी दी। तब एसपी ने तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कराने का आश्वासन दिया।

परिवार को बंधक बनाकर नकदी, जेवरात लूटे गए हैं। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। घटना के खुलासे के लिए एएसपी, सीओ, कोतवाल और एसओजी प्रभारी के नेतृत्व मेंं टीमें गठित कर उन्हें अलग-अलग टास्क दिया गया है, ताकि शीघ्र घटना का खुलासा हो सके।

कार की लोकेशन और सर्विलांस के सहारे डकैतों तक पहुंचने की कोशिश मेंं पुलिस
पूरनपुर में किराना व्यापारी के घर वारदात को अंजाम देने वाले डकैतों तक पहुंचने के लिए पुलिस कार की लोकेशन तलाशने में जुटी है। पुलिस सर्विलांस सेल की भी मदद ले रही है। पुलिस ने व्यापारी के चार नौकरों सहित पांच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।

घटना के खुलासे में लगीं चारों टीमें डकैतों की तलाश में जुटी हैं। हालांकि बुधवार शाम तक पुलिस के हाथ खाली रहे। पुलिस डकैतों की तलाश कार की लोकेशन और सर्विलांस के सहारे करने में जुटी है। पुलिस का तर्क है कि हो सकता है कि किसी डकैत के पास मोबाइल रहा हो। इससे सर्विलांस से डकैतों का सुराग लग सकता है।
इसके अलावा डकैत कार से आए थे। कार के टोल प्लाजा से क्रॉस होने की संभावना पर सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। पुलिस का मानना है कि हो सकता है कि डकैतों की कार में फास्टैग लगा हो। पुलिस ने पूछताछ के लिए व्यापारी के चार नौकरों और दो महीने पहले व्यापारी के पास से काम छोड़ चुके एक युवक को हिरासत में लिया है। सीओ आलोक सिंह ने बताया कि बदमाशों की तलाश की जा रही है। शीघ्र ही घटना का पर्दाफाश होगा।

रिपोर्ट दर्ज होने से पहले कई बार बदली गई तहरीर
घटना के बाद रात करीब एक बजे व्यापारी सुनील की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर में पांच बदमाशों के घर में घुसकर तमंचों के बल पर परिजनों को बंधक बनाकर नकदी, जेवरात, डीवीआर व दो मोबाइल ले जाने और पिटाई करने की जानकारी दी गई। बुधवार दोपहर व्यापारी नेताओं के साथ कोतवाली पहुंचे सुनील ने साढ़े चार सौ ग्राम सोने, पांच सौ ग्राम चांदी के जेवरात, 15 लाख की नकदी, दो मोबाइल, डीवीआर ले जाने और पिटाई करने की तहरीर दी।

बुधवार शाम पांच बजे फिर तहरीर बदली गई।
इसमें व्यापारी सुनील की ओर से पांच बदमाशों के घर में घुसकर तमंचे के बल पर परिजनों को बंधक बनाकर दो मोबाइल, छह लाख की नकदी, सोने के चार हार, सोने की चार चेन, चार चूड़ी, एक टीका, नथ, सोने के दो जोड़ी झाले, सोने के छह जोड़ी टॉप्स, एक जोड़ी झुमकी, एक सोने का ब्रेसलेट, मंगल सूत्र, चांदी की चार जोड़ी पायल, चांदी की कमर तगड़ी, चांदी के 18 सिक्के, परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड, आईडी कार्ड, डीवीआर लूटने, रिपोर्ट लिखाने पर जान से मारने की धमकी देने की बात कही गई है। कोतवाल प्रवीण कुमार ने बताया कि व्यापारी सुनील की ओर से छह लाख रुपये और सोने चांदी के जेवरात, डीवीआर, दो मोबाइल लूटने की तहरीर दी गई है। तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है।