पीलीभीत के अटकोना गांव में दशहत का माहौल है। जंगल से निकले बाघ ने गांव वालों को आतंकित कर रखा है। पिछले छह घंटे से किसान के घर पर बैठे बाघ को देखने के लिए जमकर भीड़ मची हुई है।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बाघों का आतंक जारी है। कलीनगर तहसील के कई गांव में रहने वाले लोग बाघ के खौफ में ही जीवन जीते हैं। सोमवार रात जंगल से निकला बाघ एक किसान के घर की दीवार पर बैठ गया। कई घंटे से यह बाग दीवार पर ही डेरा जमाए हुए है। पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
यह मामला कलीनगर तहसील क्षेत्र के अटकोना गांव का बताया जा रहा है। किसान शिंदू सिंह के घर में बीती रात करीब 2:00 बजे एक बाघ आ गया। बाघ ने घर की दीवार पर डेरा जमा लिया। आसपास मौजूद आवारा कुत्तों की आवाज सुनकर जब लोग सोकर कर उठे और घर के आस-पास टोर्च की रोशनी से देखा तो बाघ देखकर उनके होश उड़ गए। गांव के बीच बाघ को देखने के लिए रात में ही ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। ग्रामीण टॉर्च की रोशनी से बाघ को देखने की कोशिश करते रहे लेकिन बाघ दीवार से नीचे नहीं उतरा।
6 घंटे से दहशत बरकरार
कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव में 6 घंटे पहले दीवार पर बैठा बाघ वहीं डेरा जमाए हुए है। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर तो पहुंच गई, लेकिन बाघ की दहशत गांव में अभी भी कायम है। मौके पर पुलिस बल के साथ-साथ वन विभाग की टीम मौजूद है। इसके साथ ही ग्रामीण बाघ को देखने के लिए भारी संख्या में मौके पर एकत्र हुए हैं।
5 फीट की दूरी पर ग्रामीण, घटना हुई तो जिम्मेदार कौन?
अटकोना गांव में पहुंचे बाघ को देखने के लिए ग्रामीण बाघ के काफी नजदीक पहुंच गए हैं। हिंसक जीव के रूप में पहचान रखने वाले बाघ से 5 फीट की दूरी पर स्थित ग्रामीण और बाघ के बीच अगर मानव वन्य जीव संघर्ष की स्थिति बनती है तो इस घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं है। बस वन विभाग के अवसर यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि मौके पर टीम निगरानी के लिए तैनात है।