लोकसभा से निलंबित किए गए सांसदों को लेकर शुक्रवार को सपा ने इंडिया गठबंधन और अन्य दलों के साथ कलक्ट्रेट परिसर में एक दिवसीय धरना दिया। धरने में मोदी सरकार के इस कार्य की आलोचना करते हुए इसे विपक्ष की मांगों और आवाज को दबाने का आरोप प्रशासनिक मशीनरी और सरकार पर लगाया। इसके बाद अपर जिलाधिकारी को मांगों को लेकर ज्ञापन दिया। धरना-प्रदर्शन के दौरान लाउडस्पीकर हटाने को लेकर नेताओं की सदर कोतवाल से नोकझोंक भी हुई।
इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में शुक्रवार को सपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे और सांसदों के निलंबन का विरोध जतातेे हुए धरने पर बैठ गए। धरने के दौरान लाउडस्पीकर एडीएम कार्यालय की ओर था। आवाज को लेकर सदर कोतवाल ने धरनास्थल पर पहुंचकर उसे घुमाना चाहा। इस पर सभी कार्यकर्ता खड़े हो गए। कोतवाल के तेवर को देखकर कार्यकर्ता भी आगे आ गए और पुलिस से उनकी नोकझोंक होने लगी। मामला बढ़ता देखकर काफी पुलिस कर्मी वहां पहुंच गए। इस पर पुलिस और कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। हालांकि बाद में मामला शांत हो गया।
धरना- प्रदर्शन के बाद मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी की गैर मौजूदगी में एडीएम को दिया गया। इसमें कहा गया है केंद्र सरकार के दबाव में विपक्ष के 146 सांसदों के अलोकतांत्रिक निलंबन के विरोध में शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर लोकतंत्र एवं संविधान को बचाने की मांग की गई। निलंबित 146 सांसदों के अलोकतांत्रिक निलंबन को वापस लिया जाए अन्यथा इंडिया गठबंधन पूरे देश में बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरप्रीत सिंह चब्बा, नफीस अहमद अंसारी, अनवर अनीस, दिव्या पी गंगवार, आरती महेंद्र, अमित मिश्रा, सुनीता गंगवार, नरेंद्र मिश्रा कट्टर, काशीराम सरोज, अमित पाठक एडवोकेट, असलम जावेद अंसारी, यूसुफ कादरी, सतनाम सिंह सत्ता आदि मौजूद रहे।
पूरनपुर : भाकपा (माले) ने सांसदों के निलंबन के विरोध में इंडिया गठबंधन के आवाहन पर तहसील परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और एसडीएम को संबोधित अलग-अलग ज्ञापन नायब तहसीलदार ऋषि कुमार दीक्षित को सौंपे।
धरनास्थल पर हुई सभा में कहा गया कि लोकसभा और राज्यसभा के १४६ सांसदों को जिस तरह सदन से निलंबित किया गया है यह सांसदों की आवाज को बंद करना जैसा है। मोदी सरकार लोकतंत्र को नेस्तनाबूत कर रही है। डेमोक्रेसी को क्रेसी में बदलना चाहती है। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में सांसदों का निलंबन वापस लेने, लोकतंत्र और संविधान पर हो रहे हमलों को बंद कराने की मांग की गई।
एसडीएम को संबोधित अन्य ज्ञापन में पिछले दिनों धरना-प्रदर्शन के बाद आवेदनों की जांच कराकर आवास दिलाने, राशन कार्डों से पात्रों के काटे जा रहे नामों पर रोक लगाने, पात्रों को राशन कार्ड दिलाने की मांग की गई। धरना प्रदर्शन करने वालों में अफरोज आलम, देवीदयाल, सईद खां, माया देवी, विंद्रा देवी, सीमा देवी, धनदेवी आदि थी।