शव को लेकर उत्तराखंड के खटीमा लेकर जा रही एंबुलेंस की सामने से आ रही गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्राॅली से टक्कर हो गई। हादसे में एंबुलेंस चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसमें सवार तीन लोग घायल हो गए। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस चालक के शव को निकाल पाई।
खटीमा कोतवाली क्षेत्र के गांव नौसर कुठरा निवासी प्रगति राना शहर के एक अस्पताल में भर्ती थीं। बुधवार की रात उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिवार वाले उनका शव एंबुलेंस से खटीमा ले जा रहे थे। एंबुलेंस में प्रगति की बहन प्रमोद देवी, एक रिश्तेदार उदित राणा और उत्तराखंड पुलिस मेें सिपाही प्रवीण सवार थे। एबुंलेंस को जहानाबाद क्षेत्र के गांव खमरिया पुल निवासी जितेंद्र गंगवार (25 वर्ष) चला रहे थे।
बुधवार रात करीब नौ बजे एंबुलेंस न्यूरिया क्षेत्र के गांव पिपरिया अगरु के पास पहुंची, तभी सामने से तेज रफ्तार में आ रही गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्राॅली उससे भिड़ गई। हादसे में एंबुलेंस चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि प्रमोद देवी, उदित और प्रवीण गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद चालक ट्रैक्टर-ट्राॅली छोड़कर भाग गया। सूचना पर न्यूरिया पुलिस पहुंची।
राहगीरों ने एंबुलेंस में सवार लोगों को तो निकाल लिया, लेकिन चालक को नहीं निकाल सके। चालक का शव स्टेयरिंग व सीट के बीच में फंस गया। इसके बाद ट्रैक्टर मंगवाकर एंबुलेंस के आगले हिस्से को खींचा गया। लगभग एक घंटे के बाद जैसे-तैसे चालक के शव को निकाला जा सका। सूचना मिलते ही चालक जितेंद्र के घर में चीख-पुकार मच गई। जितेंद्र की शादी नहीं हुई थी, उसकी दो विवाहित बहने हैं।
घर पर छत पड़वाना चाहते थे जितेंद्र
एंबुलेंस चालक जितेंद्र की पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता की मौत होने के बाद वह शहर में किराये पर एंबुलेंस चलाते थे। घटना की जानकारी के बाद मेडिकल कॉलेज पहुंची मां राधारानी बार-बार बेसुध हो रही थी। उन्होंने बताया कि घर के नाम पर सिर्फ दीवारें खड़ी हैं, उन पर छत नहीं डली है। बेटा घर पर लिंटर पड़वाने के बाद शादी करने की बात कहता था। शादी से पहले ही वह चला गया, ऐसा कभी सोचा नहीं था।