पूरनपुर के छात्रा से छेड़खानी के मामले में पुलिस शुरू से ही कार्रवाई करने से बचती रही। पहली बार छेड़खानी और सरेआम हुई मारपीट के मामले में दो दिन बाद दोनों ओर से मामला दर्ज करने के बाद भी समझौते का इंतजार करती रही। वहीं आरोपी पक्ष पीड़ित परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाता रहा। इस दौरान डर के मारे छात्रा घर से ही नहीं निकल पाई।
घटना आठ सितंबर की है। छेड़खानी पर 11वीं की छात्रा से छेड़खानी पर पहले कॉलेज और फिर कोतवाली के गेट पर मारपीट हुई। पुलिस ने दोनों पक्षों के दो-दो लोगों को हिरासत में लिया लेकिन समझौते की बात पर छोड़ दिया। दो दिन में समझौता नहीं हुआ और छात्रा के परिजनों ने आरोपी समेत आठ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। जवाब में आरोपी की दादी ने भी छात्रा के पिता समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
क्रॉस एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। 11 दिसंबर तक पुलिस को इस मामले में कार्रवाई कर चार्जशीट फाइल करनी है जो अभी तक नहीं की गई। विवेचक कोतवाली के इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार की मानें तो उन्होंने दो दिन पहले चार्जशीट भेज दी है लेकिन वहीं दूसरी ओर सीओ ने मामला तूल पकड़ने पर शनिवार को पत्र लिखकर कोतवाली पुलिस को चार्जशीट की बाबत पत्र भेजा है।
विवेचक ने अब तक आरोप पत्र उनके कार्यालय नहीं भेजा है। आरोप पत्र को लेकर शनिवार को कोतवाली पुलिस को पत्र भेजा गया है। आरोप पत्र मिलने पर उसे शीघ्र ही कोर्ट में दाखिल कराया जाएगा। – आलोक सिंह, सीओ पूरनपुर
विवेचना दरोगा प्रवीन ने की थी। उन्होंने आरोप पत्र दो दिन पूर्व सीओ कार्यालय में दाखिल कर दिया। चूंकि सात साल से कम सजा वाला मामला था इसलिए आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई। – प्रवीण कुमार, प्रभारी निरीक्षण