नई सब्जी मंडी के किसानों को कीचड़ में सब्जी बेचने की मजबूरी बन गई है।हल्की बारिश से नई सब्जी मंडी पूरी तरह से कीचड़ से पट गया है ।सफाई के नाम बस यहां खानी पूर्ति होती है । न तो नाली की व्यवस्था है और न ही जल निकासी की ।जब भी हल्की बारिश होती है तो पूरी मंडी कीचड़ और गाद से पट जाती है और सब्जी उत्पादक किसान उसी गंदगी में सब्जी बेचने को मजबूर होते हैं।जबकि किसान अपनी बिक्री का पांच प्रतिशत आढ़तियों को कमीशन देते हैं और आढ़तिए मंडी समिति को शुल्क देते हैं।लेकिन मंडी समिति वाले किसानों को सुविधा के नाम बस खाना पूर्ति करते है और वसूली में मुस्तैद रहते है ।क्या मजाल एक भी व्यापारी की गाड़ी बिना शुल्क दिए गेट से पास हो जाए।वसूली करने में अगर जाम लग जाए तो भी इनको कोई फर्क नहीं पड़ता।मिला जुलाकर किसानों के लिए कोई सुनवाई नहीं है।गंदगी से अजिज आकर किसान हड़ताल का मन बना रहें हैं।अगर किसानों ने दो चार दिन मंडी में सब्जी बेचने का हड़ताल कर दिया तो जिनके घर सादी विवाह है उनको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।