दवा लेने की बात कहकर घर से गए 10वीं के छात्र का शव गांव से ही दो किलोमीटर दूर स्थित रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। पुलिस की सूचना पर परिजनों को मामले की जानकारी हुई। आरोप है कि एक दिन पूर्व सहपाठी किशोरी का पिता उनके घर पर धमकाने के लिए पहुंचा था। जिसके बाद से छात्र परेशान था।
न्यूरिया क्षेत्र के गांव पीलाताल निवासी उमाशंकर ने बताया कि उनका 15 वर्षीय पुत्र भूपेंद्र गांव टाह के एक निजी विद्यालय में 10वीं का छात्र था। क्षेत्र के ही गांव की रहने वाली किशोरी भी उसके साथ उसी विद्यालय में पढ़ाई करती है।
बृहस्पतिवार की सुबह लगभग 11 बजे भूपेंद्र अपने चाचा बीरबल के साथ खेत पर ट्राॅली में गन्ना भर रहा था। परिजनों के अनुसार इसी दौरान सहपाठी किशोरी का पिता खेत पर पहुंचा, जहां उसने भूपेंद्र को धमकाया और जान से मारने की धमकी देते हुए चला गए।
खेत से गन्ना भरने के बाद भूपेंद्र अपने चाचा बीरबल के साथ शहर स्थित एलएच शुगर मिल आ गया और गन्ना तौलवाने के बाद शाम लगभग छह बजे गांव पहुंचा। इसके बाद घर से मां की दवा लेने की बात कहकर भूपेंद्र पास के ही गांव चिरौंदापुर के लिए निकाल गया। इसके बाद देर शाम तक वह वापस नहीं आया।
परिजन गांव में ही किसी के यहां होने की बात सोचकर सो गए। शुक्रवार तड़के लगभग साढ़े चार बजे पुलिस से परिजनों को सूचना मिली कि उनके पुत्र का शव पिपरिया अगरू के निकट रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ है। परिजनों के मुताबिक भूपेंद्र के शरीर पर ट्रेन से कटने जैसे कोई भी निशान नहीं हैं।
इंस्पेक्टर प्रदीप विश्नोई ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण पता चलेगा।