पराली जलाने पर किसान के खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट के विरोध में अन्नदाता किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने एएसपी की गाड़ी को भी नहीं निकलने दिया, तब तहसील का दूसरा गेट खोलकर एएसपी की गाड़ी को निकाला गया। इंस्पेक्टर क्राइम की विवेचना में उचित कार्रवाई के आश्वासन पर प्रदर्शनकारियों ने धरना समाप्त किया।
अन्नदाता किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने 28 नवंबर को एसडीएम को ज्ञापन देकर पराली जलाने पर किसान के खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट को निरस्त कराने की मांग की थी। दर्ज रिपोर्ट में फाइनल रिपोर्ट न लगने पर दो दिसंबर को धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी गई।
इसी क्रम में अन्नदाता किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने तहसील में धरना-देकर प्रदर्शन किया। धरना-प्रदर्शन पर संपूर्ण समाधान दिवस में आए अफसरों के वाहन तहसील के अंदर फंस गए। एएसपी की गाड़ी निकलने के लिए रास्ता देने से प्रदर्शनकारियों ने मना कर दिया।इस पर तहसील का दूसरा गेट खोलकर एएसपी और अन्य अफसरों के वाहन दूसरे गेट से निकले। धरनास्थल पर इंस्पेक्टर क्राइम उमेश कुमार ने पहुंचकर वार्ता की। वार्ता के दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना था कि तहसीलदार के दबाव पर लेखपाल ने लखविंदर के खिलाफ मनगढ़ंत रिपोर्ट दर्ज कराई है।
जिस दिन की घटना को दर्शाया गया, उस दिन लेखपाल पूरनपुर में नहीं था। अवकाश लेकर कहीं गया था। इंस्पेक्टर क्राइम ने विवेचना में जांच के बाद ही कार्रवाई और वास्तविकता के अनुसार रिपोर्ट लगवाने का आश्वासन दिया, तब प्रदर्शनकारी शांत हो सके। धरना प्रदर्शन में गुरप्रीत सिंह, जोगा सिंह, गुरविंदर सिंह, रंजीत सिंह, जसविंदर सिंह, गुरजंट सिंह, बलजिंदर सिंह, सतनाम सिंह शामिल थे।