पूरनपुर में शारदा नदी के बाढ़ पीडि़तों ने 64 दिन से चल रहे धरना-प्रदर्शन और क्रमिक अनशन के बाद भी बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान न होने के विरोध में दिवाली नहीं मनाई। उन्होंने न तो अपने घरों में सजावट की और न ही आतिशबाजी। शारदा नदी के तटवर्ती गांवों में दिवाली पर सन्नाटा पसरा रहा।
चंदिया हजारा, राहलनगर, कॉलोनी नंबर छह आदि गांवों में बाढ़ पीड़ितों ने परंपरा के तहत घरों में पुरखों के नाम का सिर्फ एक दीपक जलाया। चेनेलाइजेशन सहित अन्य मांगों को लेकर चल क्रमिक अनशन सोमवार को 64वें दिन जारी रहा। 30 नवंबर को जिला मुख्यालय पर होने वाले धरना-प्रदर्शन को सफलता बनाने के लिए तटवर्ती गांवों में संपर्क किया गया।
शारदा नदी का रुख बदलने पर नदी पांच साल से गांव चंदिया हजारा और आसपास के गांवों में तबाही मचा रही है। इस बार भी 200 एकड़ फसलें नदी में समा गईं। जमीन का मालिकाना हक न मिलने से मुआवजा भी नहीं मिल सका। गांव के समीप शारदा नदी का चेनेलाइजेशन कराने, बाढ़ से बचाने के लिए तटबंध बनाने आदि की मांग को लेकर गांव चंदिया हजारा में क्रमिक अनशन करीब दो महीने से चल रहा है।
आंदोलनकारियों ने समस्याओं का समाधान न होने के विरोध में दिवाली का पर्व नहीं मनाया। गांव राहलनगर, मजदूर बस्ती और कॉलोनी नंबर छह के घरों में लोगों ने दिवाली पर सजावट नहीं की। न ही दीप जलाए। मात्र परंपरा निभाने के लिए घरों में पुरखों के नाम का एक-एक दीया जलाया गया। क्रमिक अनशन सोमवार को 64वें दिन भी जारी रहा। अनशन पर सुचित्रा सिंह, रंजीता मंडल, दिपाली सरकार, चपला मजूमदार, सीता मलिक, सुनीता मंडल, चंद्रा स्वर्णकार, रेखा मंडल, काजल सरकार, सुनीता कीर्तनीय, सोनिया शुक्ला बैठीं।
30 नवंबर को जिला मुख्यालय पर देंगे धरनापूरनपुर। बंगाली समाज के लोग विभिन्न समस्याओं के विरोध में 30 नवंबर को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेगे। इसे लेकर अमरिया, कलीनगर, पूरनपुर क्षेत्र के बंगाली समाज के लोगों की ओर से संबंधित तहसीलों के एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए संपर्क किया जा रहा है। धरना प्रदर्शन की रूपरेखा को 26 नवंबर को अंतिम रूप दिया जाएगा।