शाहगंज : नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन जय प्रकाश गुप्त की वाराणसी के एक निजी अस्पताल मौत हो गई, उनके निधन की खबर सुनकर काफी पुराने साथी विजय मोदनवाल परेशान हो उठे। कुछ देर बाद ही हृदयघाट से उनकी भी मौत हो गई। सोमवार की सुबह दोनों साथियों की एकसाथ अंतिम यात्रा निकली गई। शव यात्रा में लोगों की भारी भीड़ से नगर में जाम के हालात बन गए। अंतिम यात्रा में बहुतों की आंखे छलक पड़ीं।
शाहगंज की राजनीति के बड़े नेताओं में शुमार किए जाने वाले, प्रखर वक्ता, अक्खड़ सियासी जय प्रकाश गुप्ता वर्ष 1995 में भाजपा के टिकट पर नगर पालिका के चेयरमैन बने, अगले चुनाव में महिला के लिए आरक्षित हुई सीट पर पत्नी को चुनाव में उतारा और सफलता हासिल की। अगले चुनाव में पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने पर आजाद प्रत्याशी के रुप में किस्मत आजमाई लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके बाद वो तीन चुनाव लड़े जिसमें सफलता तो नहीं मिली लेकिन चर्चा का प्रमुख बिंदु लगातार बने रहे।
68 वर्षीय श्री गुप्त इस बीच काफी समय से बीमार चल रहे थे। जो वाराणसी के एक निजी अस्पताल रात लगभग सवा बारह बजे अंतिम साँस ली। स्व. गुप्त के निधन का समाचार उनके काफी पुराने साथी अलीगंज मोहल्ला निवासी विजय मोदनवाल (59) को मिली तो इस दुःख को सहन करना भारी पड़ गया। कुछ ही देर के बाद घबराहट और सीने में दर्द शुरू हुई, परिवार के लोग जबतक कुछ समझ पाते हृदयाघात से उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए ।
दोनों साथियों की अंतिम यात्रा उनके घरों से निकली तो चूड़ी मोहल्ले में एक साथ मिल गई। जहां से दोनों जिगरी दोस्तों की शव यात्रा साथ में निकली। अंतिम यात्रा में शामिल भारी भीड़ के चलते बाजार में भीषण जाम लगा रहा। अंतिम संस्कार जौनपुर के रामघाट पर किया गया।