पीलीभीत में आत्महत्या के लिए उकसाने पर दो लोेगों को 10-10 वर्ष की सजा

पीलीभीत में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश छांगुर राम ने दो लोगों को दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष की सजा के साथ ही 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मौजूदा समय में दोनों दोषी जमानत पर हैं। जिनको तत्काल न्यायिक अभिरक्षा में लेने के आदेश दिए गए हैं।बीसलपुर थाना क्षेत्र के अभयपुर चैना नकटी निवासी रामपाल ने शेखापुर गांव निवासी मुकेश और राजेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा था कि 15 अगस्त 2017 को उसके बेटे शिवदेव ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

रामपाल ने पुलिस को बताया कि उसके बेटे की बाइक को बरखेड़ा पुलिस ने पकड़ लिया था। जिसको छुड़वाने के लिए शेखापुर गांव के मुकेश और राजेश ने उससे छह हजार रुपये की मांग की थी। रुपये न देने पर दोनों ने उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी।जिससे वह काफी डर गया था और उसने जहरीला पदार्थ खा लिया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने वाद विवेचना आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावालियों का अवलोकन करने के बाद दोनों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।

पीलीभीत में घर मे घुसकर जानलेवा हमला करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार सिंह ने आरोपी को दोषी पाते हुए बीस हजार रुपये अर्थदंड सहित सात वर्ष की सजा से दंडित किया है।

थाना गजरौला क्षेत्र निवासी नेतराम ने गजरौला थाने में तहरीर देकर कहा था कि एक जुलाई 2018 को पड़ोस के जीवन लाल की पत्नी से उसके भाई जगदीश की पत्नी मीना देवी की दिन में कहासुनी हो गई। इसी बात को लेकर उसका लड़का गंगाराम रात्रि 9:30 बजे खपरैल पर चड़कर हाथ में धारदार कुल्हाड़ी लेकर छत पर आया और जान से मारने की नीयत से मीना देवी के सिर में कुल्हाड़ी मार दी।

रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से कई गवाह पेश किए गए। वहीं आरोपी ने खुद का निर्दोष होना बताया। न्यायालय ने दोनों ओर से प्रस्तुत तर्कों को सुनने व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद गंगाराम को दोषी पाते हुए दंडित किया।

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध) देवेंद्र शर्मा ने की।