बरेली/आंवला – आपको बता दें कि एक दिन पहले ही सरकारी अस्पताल में महिला की डिलीवरी हुई थी। वहां से ठीक हालत में मां और नवजात को घर भेज दिया गया था। घर पहुंचने पर महिला की हालत बिगड़ गई।
परिजन उसे लेकर अलीगंज स्टैंड स्थित शिवा नर्सिंग होम पर आए, जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। नर्सिंग होम की डॉक्टर अर्चना सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को नकार दिया। वहीं नर्सिंग होम के गेट पर किसी भी डॉक्टर का नाम या डिग्री अंकित नहीं थी। अस्पताल में मौजूद महिला और पुरुष डॉक्टर अपने पास बीएएमएस की डिग्री होने का दावा कर रहे थे। मगर लोगों ने दबी जुबान से बताया कि उनके पास कोई डिग्री नहीं है।
आंवला कोतवाली इलाके के गांव भीमपुर के नेम सिंह के मुताबिक, उसकी बहन ने 24 अक्टूबर की शाम को सरकारी अस्पताल में 5 बजकर 17 मिनट पर एक बच्चे को जन्म दिया। उस समय बहन राजकुमारी व बच्चा दोनों स्वस्थ थे, रात में ही वह दोनों को लेकर घर चले गए। लेकिन दिन निकलते ही बहन की हालत खराब होने लगी। तब वह शिवा नर्सिंग होम में लेकर पहुंचा, वहां चिकित्सकों ने जांच के उपरांत उनको आश्वासन दिया जल्द ही ठीक हो जाएगी, लेकिन कुछ देर बाद ही जानकारी दी कि उनकी बहन की मौत हो गई।
हालांकि किसी भी कार्रवाई से इनकार करते हुए दोनों में अंदरुनी समझौता हो गया। सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के चिकित्सक डॉक्टर सलीम खान स्टाफ नर्स मोनिका दीक्षित ने बताया कि दबाव बनाकर स्वेच्छा से प्रसूता को उसके परिजन अपने साथ ले गए। जबकि उन्होंने मां बेटे के स्वास्थ्य की देखभाल के मद्देनजर उनको डिस्चार्ज करने से मना किया था, लेकिन वह स्वयं अड़े रहे।
रिपोर्टर परशुराम वर्मा