जब से पीलीभीत जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज में तब्दील हुआ है, तब से समस्याएं बढ़ गई हैं। शुरू में तो कुछ महीने सैलरी समय पर मिली, लेकिन पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं आई है। इससे किसी की ईएमआई बाउंस हो रही है तो कोई बच्चों की फीस नहीं जमा कर पा रहा है।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय समेत अन्य कर्मचारियों को तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। इससे परेशान होकर डॉक्टर और कर्मचारियों ने मंगलवार को धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इलाज के लिए आए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बिना इलाज कराए ही मरीज घरों को लौट गए। हालांकि, हड़ताल के बीच भी कुछ स्वास्थ्य कर्मचारी कमान संभाले हुए हैं। धरना-प्रदर्शन की जानकारी होने के बाद सीएम समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और स्वास्थ्य सेवाएं बहाल कराने में जुटे रहे। काफी प्रयास के बाद धरना-प्रदर्शन खत्म कर दिया गया।
पीलीभीत मेडिकल कॉलेज से संबंध अस्पताल में 250 डॉक्टर और अन्य कर्मचारी तैनात हैं। इनको तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों ने कुछ दिन पहले चेतावनी दी थी कि अगर समय रहते भुगतान नहीं किया गया तो मंगलवार को धरने पर बैठ जाएंगे। अधिकारियों ने चेतावनी को हल्के में लिया। इसके बाद मंगलवार से डॉक्टर और कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं। सूचना मिलते ही अधिकारी पहुंचे और मामले को संभालते हुए डॉक्टरों को आश्वासन देकर धरना खत्म कराया।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पताल जब से मेडिकल कॉलेज में बदला है, तब से वेतन समेत अन्य समस्याएं आ रही हैं। पहले जब अस्पताल था तो स्वास्थ्य विभाग से स्टाफ को वेतन मिलता था, लेकिन अब मेडिकल कॉलेज बनने पर वेतन चिकित्सा विभाग से मिलता है। पहले पुरुष और महिला अस्पताल के स्टाफ का वेतन अलग-अलग मिलता था, लेकिन अब सब मेडिकल कॉलेज में होने पर एक साथ वेतन मिलता है। एक अप्रैल 2023 से जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज में तब्दील हो गया है। जून तक तो वेतन दिया गया, लेकिन उसके बाद वेतन जारी नहीं हुआ। जुलाई से वेतन नहीं मिला है।