कलीनगर के गोवंश को मारने के बाद दो दिन से खेतों में चहलकदमी कर रहे बाघ के न पकड़े जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार करीब साढ़े आठ बजे माधोटांडा-पीलीभीत मुख्यमार्ग पर जाम लगा दिया। करीब ढाई घंटे तक जाम लगा रहा। नायब तहसीलदार और रेंजर के आश्वासन के बाद ग्रामीण मार्ग से हटे। इसके बाद रेस्क्यू के लिए पहुंची टीम को बाघ की कोई लोकेशन नहीं मिली। डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने भी मौका मुआयना कर निर्देश दिए।
माधोटांडा क्षेत्र के गांव मथना, रानीगंज, जमुनिया, रानीगंज और सपहा की सीमा में कई दिन से बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है। ग्रामीणों का दावा है कि दो बाघ अलग-अलग क्षेत्र में सक्रिय हैं। बाघ तीन गोवंश को निवाला बना चुके हैं। रविवार से जमुनिया और सपहा गांव के बीच बाघ की मौजूदगी देखी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जानकारी के बाद भी विभाग की ओर से बाघ को पकड़ने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने माधोटांडा-पीलीभीत मार्ग पर रानीगंज, सपहा चौराहे पर जाम लगा दिया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मार्ग पर बैठ गए। जाम लगने से मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं। जानकारी होने पर पहले एसओ अचल कुमार ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया। कुछ देर बाद सामाजिक वानिकी पीलीभीत डिवीजन के रेंजर पीयूष मोहन श्रीवास्तव पहुंचे। इसके बाद नायब तहसीलदार अक्षय यादव की मौजूदगी में ग्रामीणों को समझने की प्रयास शुरू किए गए।
बाघ को पकड़ने के आश्वासन के बाद ग्रामीण मार्ग से हटे। करीब ढाई घंटे बाद मार्ग पर यातायात शुरू हो सका। टीम रेस्क्यू के लिए खेतों की ओर पहुंची, लेकिन बाघ की लोकेशन न मिलने से टीम खेत में ही बैठी रही। देर शाम को आक्रोश के बीच वन विभाग की टीम लौट गई। ग्रामीणों का कहना है की बाघ की चहलकदमी जारी है। विभाग की ओर से उसे पकड़ने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।