पीलीभीत में व्यापार मंडल महामंत्री के मकान में घुसे संदिग्ध, तीन को पकड़ा, दो भागे…लूट का इरादा तो नहीं!

शहर के बीच घनी आबादी में व्यापारी नेता के मकान में सारेशाम तीन संदिग्ध युवक भीतर घुस गए। दो साथी घर के बाहर बाइक लिए खड़े थे। परिजन के पूछने पर संतोषजनक जवाब दिए बिना भागने लगे तो शोर पर लोगों ने पकड़ लिया। तीन लोग तो पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिए गए जबकि दो भागने में कामयाब रहे। पुलिस घंटों बाद भी मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं कर सकी। उधर घटना को लेकर व्यापारियों में रोष देखा गया। इसे लूटपाट के इरादे से जोड़कर देखा जा रहा है।

घटना शनिवार देर शाम करीब चार बजे की है। मोहल्ला शेखचांद के निवासी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला महामंत्री शैली अग्रवाल अपनी मोतीराम चौराहा स्थित दुकान पर थे। घर पर पत्नी , बच्चे और मां रोज की तरह कामकाज कर रही थी।

इसी बीच तीन अंजान युवक घर के भीतर घुस गए। आरोप है कि तीनों नशे की हालत में थे और उनके दो साथी कुछ दूरी पर बाइक लिए खड़े थे। पत्नी ने जब अंजान युवकों को देखा तो उनसे कारण पूछा । पहले वह बदमाशी भरे अंदाज में धमकाने लगे और आगे बढ़ते रहे। इसके बाद शोर होने पर भागना शुरू कर दिया।

इधर , पत्नी से सूचना मिलने पर व्यापारी नेता ने चंद कदमों की दूरी पर स्थित घर में नौकर और परिचित को भेज दिया। जिन्होंने तीन लोगों को पकड़ लिया जबकि दो भाग गए। उनकी भीड़ ने पिटाई की। बताते है कि युवकों के पास से शराब भी बरामद हुई। वह खुद को उत्तराखंड का बता रहे थे। मामला कुछ ही देर में शहर में फैला और लूट के इरादे से घुसने का शोर मच गया। तमाम व्यापारी जमा हो गए। इसकी सूचना मिलने पर पहुंची कोतवाली पुलिस तीनों को लेकर कोतवाली आ गई। मामले की पड़ताल की जा रही है

पुलिस नहीं करती गश्त: जिलाध्यक्ष सरेशाम इस तरह की घटना कोतवाली पुलिस की नाकामी का उदहारण है। पब्लिक ने तीन लोगों को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। सुनहरी मस्जिद चौराहा पर पुलिस की तैनाती रहती है। फिर भी अपराधी बेखौफ हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कारवाई होनी चाहिए। कानून व्यवस्था शहर में फेल है। अफसरों से बात की जाएगी अनूप अग्रवाल, जिलाध्यक्ष, व्यापार मंडल।

इस मामले को गंभीरता से दिखवाया जा रहा है। हिरासत में लिए गए युवकों से पूछताछ चल रही है। अभी घर में घुसने का कारण स्पष्ट नहीं है। जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी— नरेश त्यागी, कोतवाल।