उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में बुखार के कहर के बीच जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं बिगड़ने लगी हैं। यहां पहुंचने वाले मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं। अस्पताल में एक-एक बेड पर दो-दो मरीज लिटाए जा रहे हैं। यह हाल इमरजेंसी का ही नहीं है। इंडोर वार्ड में भी बेड कम होने पर दो-दो मरीज लिटाए जा रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में 25 मरीजों की मौत हो चुकी है।
जिले में बुखार की रोकथाम के सरकारी दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में जिले में 25 बुखार पीड़ितों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी बुखार की रोकथाम के लिए सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। मरीजों को बेहतर उपचार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में बुखार के 65 मरीज अस्पताल पहुंचने से अचानक अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगड़ गईं।
इमरजेंसी से लेकर इंडोर तक मरीजों के लिए बेड की समस्या खड़ी हो गई। जिला अस्पताल की इमरजेंसी और इंडोर में एक-एक बेड पर दो-दो मरीज लिटाए गए। सोमवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की सुबह से ही भीड़ रही। सीएमएस डॉ. मदनलाल ने दूसरी मंजिल पर 16 बेड के अतिरिक्त दो वार्ड संचालित कराए लेकिन कुछ ही देर में ये वार्ड भी फुल हो गए। इसके बाद एक-एक बेड पर दो-दो मरीज लिटाने का आदेश दिया गया।
निजी अस्पतालों में ले गए मरीज
आगरा रोड निवासी श्री निवास, वंशीगोहरा निवासी सीमा देवी, नगला शिवलाल निवासी सुबोध कुमार अस्पताल में बेड नहीं मिलने की स्थिति में प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों को निजी अस्पतालों में ले गए। कुछ मरीज भीड़ को देखते हुए स्वत: ही निजी अस्पतालों के लिए चले गए। सोमवार की सुबह जिला अस्पताल में कुल 88 बेड की व्यवस्था थी जबकि 102 मरीज भर्ती हुए।
जांच के नाम पर भी हो रही खानापूरी
जिला अस्पताल में जांच के नाम पर भी खानापूरी चल रही है। एक अक्तूबर और 2 अक्तूबर को अस्पताल की पैथोलॉजी बुखार के मरीजों के बीच भी बंद रही। इसके चलते जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की जांच नहीं कराई जा सकी। दो दिन से मरीज बिना जांच के ही अस्पताल में लेटे हुए थे।
मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इंडोर में दो अतिरिक्त वार्ड शुरू कराए गए हैं इनमें 16 बेडों की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त सीनियर सिटीजन वार्ड और हृदय रोग विभाग को भी मरीजों के लिए खुलवा दिया गया है। जैसे- जैसे मरीज बढ़ रहे हैं बेड की भी व्यवस्था की जा रही है। -डॉ. मदनलाल, सीएमएस