पीलीभीत में बाघ की हड्डी के साथ पकडे़ गए तस्करी के आरोपियों ने पूछताछ में कई राज उगले हैं। बाघ की हत्या का मामला सामने आने के बाद टाइगर रिजर्व की टीम फरार सरगना की तलाश में जुट गई है। मुख्य आरोपी भी खीरी जिले का बताया गया है। पूछताछ के बाद तस्करी के आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में बाघ की हड्डी के साथ पकड़े गए आरोपियों लखीमपुर खीरी के मझगईं क्षेत्र के कंधरहिया गांव निवासी अक्षय पुत्र रामअवतार व रामचंद्र पुत्र तेजी से रातभर पूछताछ की गई। इस दौरान दोनों आरोपियों ने अपने फरार एक साथी को मुख्य सरगना बताया है। वह भी पलिया क्षेत्र के गांव कुठिया का रहने वाला है। इसके अलावा तस्करों ने और काफी अहम जानकारी वन विभाग को दी हैं। इसके बाद टाइगर रिजर्व में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
तस्करों के अनुसार फरार आरोपी ही उनको जानकारी देता था। उसके इशारे पर ही घटना को अंजाम दिया जाता है। तस्करों से मिली जानकारी के बाद डीडी नवीन खंडेलवाल ने दुधवा के एफडी से संपर्क कर जानकारी साझा की है। इसके बाद दुधवा में भी सुरक्षा घेरा और बढ़ा दिया गया है। पूछताछ के बाद आरोपियों का मेडिकल कराने के बाद जेल भेज दिया गया है।
बरामद हड़्डी की कराई जाएगी जांच
तस्करों के पास से बरामद हड्डी वैसे तो बाघ की बताई जा रही है। चूंकि हड्डी करीब डेढ़ से दो साल पुरानी है, लिहाजा स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि बाघ की हैं या फिर तेंदुए की। परीक्षण के लिए हड्डी को आईवीआरआई या फिर देहरादून भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई भी सामने आएगी।
रिमांड पर लिए जा सकते हैं आरोपी
पकड़े गए आरोपियों को फिलहाल जेल भेज दिया गया है। अभी पूछताछ भी पूरी नहीं हो सकी है। तस्करों से मिली जानकारी के बाद अधिकारी और अंदर तक जाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि पूरे गैंग का पता चल सके। इसके लिए दोनों आरोपियों को रिमांड पर भी लिया जा सकता है। रिमांड पर लेने के बाद दुधवा के अधिकारी भी आरोपियों से पूछताछ करेंगे।
आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पूछताछ में मुख्य सरगना के बारें में जानकारी दी है। वह भी पलिया खीरी क्षेत्र के गांव कुठिया मझगई का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी के लिए दुधवा के एफडी से संपर्क किया गया है। आरोपियों को रिमांड पर भी लिया जाएगा। – नवीन खंडेलवाल, डीएफओ, पीलीभीत टाइगर रिजर्व
पीलीभीत के रास्ते नेपाल जाने की फिराक में थे तस्कर
तस्कर अक्षय, रामचंद्र निवासी ग्राम त्रिलोकपुर ने बताया कि वह लोग अपने गांव से बस से पीलीभीत आए थे। यहीं से नेपाल हड्डियां बेचने के लिए जाने वाले थे। उनके साथ मुख्य आरोपी अनिल भाग गया।
आरोपियों के परिजनों ने सप्लायर बताकर युवक को पुलिस को सौंपा
मझगईं (लखीमपुर खीरी)। पूरनपुर में बाघ की हड्डी की तस्करी के मामले में गिरफ्तार मझगईं के कंधरहिया गांव निवासी दो ग्रामीणों अक्षय और रामचंद्र के परिजनों ने रविवार को कोठिया गांव के युवक अनिल को सप्लायर बताते हुए पुलिस के सुपुर्द किया है, जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है। साथ ही दोनों को पकड़वाने में अनिल का सहयोग होने का आरोप भी लगाया है। पकड़े गए अनिल के पिता विजयपाल पहले भीरा के कुंवरपुर में रहते थे, लेकिन 15 सालों से वह कोठिया में रह रहे हैं। उधर, पुलिस ने सुपुर्दगी में किए गए अनिल से पूछताछ शुरू कर दी है। थाना प्रभारी विनोद सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है जिसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।