मैनपुरी के घिरोर के गांव गड़ारा में युवक वीकेश और युवती बनारसी पड़ोसी थे। हम उम्र थे और दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे। तीन माह पूर्व जब प्रेम संबंध का खुलासा हुआ तो परिवार वालों ने एतराज किया। वीकेश को परिजन ने दूर करने के लिए अलीगढ़ भेज दिया। अलग होने के बाद दोनों साथ जी तो नहीं सके लेकिन मंगलवार की रात एक साथ इस दुनिया से अलविदा कह गए।
हाकिम सिंह और सर्वेश एक ही जाति के और पड़ोसी हैं। हाकिम के बेटे वीकेश और सर्वेश की पुत्री बनारसी के बीच चल रहे प्रेम संबंध से परिजन अनजान थे। तीन माह पहले कुछ ऐसा हुआ कि प्रेम संबंध की जानकारी दोनों के परिजन को हो गई। एक ही जाति और गांव के होने की वजह के चलते शायद दोनों के परिजन एतराज ठान बैठे। दोनों को अलग करने का फैसला कर लिया गया। वीकेश को परिजन ने अलीगढ़ एक प्राइवेट फैक्टरी में काम करने के लिए भेज दिया।
उधर बनारसी को भी परिजन ने समझाया बुझाया। दोनों को अलग करने के बाद परिजन बेफिक्र हो गए थे। शायद वीकेश और बनारसी ने कुछ और ही सोच रखा था। कुछ दिन पूर्व गांव आने के बाद मंगलवार की रात दोनों पुराने मकान पर मिले। उनके बीच क्या बातें हुईं। यह उनके अलावा कोई नहीं जानता। शायद उन्होंने फैसला लिया कि भले ही वह साथ जी न सके। लेकिन अब एक साथ मरकर इस दुनिया को अलविदा कह देंगे। दोनों ने ऐसा ही किया और वीकेश और बनारसी की छोटी से प्रेम कहानी का अंत हो गया।
एक ही दुपट्टे से लगाया फंदा
वीकेश और बनारसी ने मंगलवार की रात को एक ही दुपट्टे से फंदा लगाया। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो देखा कि दुपट्टे का एक हिस्सा वीकेश और दूसरा बनारसी के गले में कसा था। दुपट्टा बनारसी का ही था। दोनों की मौत के बाद परिजन कुछ भी खुल कर बोलने को तैयार नहीं है।
सब कुछ संभाल लिया था
मृतक वीकेश के एक परिजन से जब दोनों के बीच प्रेम संबंध के बारे में पूछा गया तो वह बात को टाल दिया। उनका कहना था कि जो भी कुछ था। उसे उन लोगों ने निपटा लिया था। मंगलवार की रात ही अचानक ऐसा कुछ हुआ और दोनों ने अपनी जान दे दी।