उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले के शारदा से सटे इलाके में रहने वालों का जीवन बीते दो महीने से उजड़ गया है. बीते कुछ समय में इलाके में एक दो बार नहीं बल्कि आधा दर्जन से भी अधिक बार बाढ़ जैसी परिस्थितियां बन चुकी हैं. ये हालात कब तक ऐसे बने रहेंगे इसका जवाब किसी पर भी नहीं है.
दरअसल, पीलीभीत जिले में स्थित एक बड़ी आबादी शारदा किनारे बसी हुई है. मुख्य तौर पर शारदा नदी पीलीभीत जिले के कलीनगर व पूरनपुर तहसील से होकर गुजरती है. दोनों तहसीलों में दर्जनों गांव ऐसे हैं जो शारदा नदी से होने वाले कटान व बाढ़ की जद में आते हैं. बाढ़ से प्रभावित प्रमुख इलाकों में गभिया सेहराई, रमनगरा, नौजल्हा नं. 1 व 2, चंदिया हजारा, सम्पूर्णानगर, राहुलनगर समेत तकरीबन 80 ग्राम पंचायत शामिल हैं.
अगर प्रशासनिक दावों की मानें तो यहां बाढ़ राहत बचाव के कार्य कराए गए हैं. वहीं प्रशासन का दावा है कि अब तक जिले में बाढ़ जैसी परिस्थितियां नहीं हैं. लेकिन धरातल पर जो हालात बने हुए हैं वे खुद ब खुद सारी सच्चाई बयां कर रहे हैं. अगर बीते दो महीने की बात करें तो शारदा नदी में पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद आए उफान ने तमाम गांवों में रहने वाले ग्रामीणों का भारी नुकसान किया है.
भूख हड़ताल पर बैठने पर मजबूर हैं ग्रामीण
आधा दर्जन से भी अधिक बार बाढ़ जैसे हालातों से जूझने के बाद शारदा किनारे बसे चंदिया हज़ारा ग्राम पंचायत के लोग बीते तक़रीबन एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. दरअसल, हर साल आने वाली बाढ़ से पुख़्ता बचाव के लिए बाढ़ खंड की ओर से कार्य किया जा रहा था. लेकिन वन विभाग की ओर से मिलने वाली एनओसी इस काम में रोड़ा बनी हुई है.
सरकार के निर्णय के बाद साफ हो जाएगी स्थिति
पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पूरनपुर के उप जिलाधिकारी राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर है बाढ़ राहत बचाव कार्य में जिस एनओसी की आवश्यकता है उस की कवायद पूरी की जा चुकी है. अब केंद्र सरकार के निर्णय के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.