आज सम्यक स्वराज पार्टी की बैठक गायत्री पैलेस, आवास विकास कानपुर में सम्पन्न हुई। जिसमें तपेन्द्र प्रसाद शाक्य जी पूर्व आईएएस पूर्व मंत्री, संस्थापक एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अतिथियों का जोरदार स्वागत किया।
बैठक को सम्बोधित करते हुये तपेन्द्र प्रसाद जी ने कहॉ कि सम्यक स्वराज पार्टी शोषित, वंचित, गरीब आमजन की एक लोकतांत्रिक पार्टी है और वर्तमान में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक एवं वंचित समाज में सिर्फ और सिर्फ व्यक्तिवादी, परिवारवादी, जातिवादी, वंशवादी, क्षेत्रवादी पार्टियां बनी है और अधिकांश दलों में आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए हैं। ऐसे दलों से न ही राष्ट्रीय स्तर की राजनीति संभव है और न ही सर्व समाज की राजनीति संभव है। सभी लोग सिर्फ समस्याओं का रोना रो रहे हैं और वर्तमान सत्ता की नीतियों से पीड़ित हैं किंतु बहुसंख्यक समाज अपनी समस्याओं के राजनीतिक समाधान के लिए रास्ते की पहचान नहीं कर पा रहा है।लोकतंत्र में लोकतांत्रिक राजनीति के माध्यम से ही राज्य और केंद्र की शासन सत्ता प्राप्त की जा सकती है और राज्य एवं केंद्र की वित्तीय एवं शासकीय शक्तियों का उपभोग करके जनहित और लोक कल्याण के कार्य किए जा सकते हैं और इसी से सबको एक समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजी-रोटी, रोजगार की व्यवस्था और सभी के लिए समता-समानता और न्याय आधारित बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता है। आगे बैठक को सम्बोधित करते हुये अध्यक्ष राष्ट्रीय संयोजक मंडल डॉ0 शिवप्रसाद विश्वकर्मा ने कहॉ कि आज पूरे देश में पिछड़ों, दलित एवं वंचित समाज के बीच व्यक्तिवादी, परिवारवादी, जातिवादी, क्षेत्रवादी, वंशवादी दलों का अम्बार लगा हुआ है।इसके कारण सम्पूर्ण बहुसंख्यक समाज की राजनीति, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक रूप से विकसित नहीं हो पा रही है और बहुसंख्यक समाज में व्यक्तिवादी, परिवारवादी, जातिवादी क्षेत्रवादी, वंशवादी दलों के कारण उनके बीच से अभी तक कोई भी राष्ट्रीय स्तर पर लोकतांत्रिक राजनीति और दल विकसित नहीं हो पा रहे हैं। सम्यक स्वराज पार्टी का निर्माण करने का उदेश्य सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसे दल का निर्माण करना है, जिसमें व्यक्तिवाद, परिवारवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद, वंशवाद की कोई गुंजाइश ना रहे। यह तभी संभव है, जब राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बूथ अध्यक्ष तक के सभी पदों का कार्यकाल का निर्धारण हो और इन पर बदलाव होता रहें, जिसमें विभिन्न प्रांतों के, विभिन्न धर्मों के, विभिन्न समुदाय के लोगों को समान नेतृत्व करने का अवसर प्राप्त हो सके। तभी बहुसंख्यक समाज में एक राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वस्थ लोकतांत्रिक राजनीति की शुरुआत हो सकती है। इस दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजू बाबू सिंह जी पूर्व डी.आई.जी. ने कहॉ कि सम्यक स्वराज पार्टी पहले से ही आंतरिक लोकतांत्रिक संगठन की शुरुआत करने और लोकतांत्रिक पार्टी के विमर्श को पूरे देश में एक मूलभूत मुद्दा बनाने वाली देश की एक मात्र शोषित समाज की पहली पार्टी हैं जिसमें प्रत्येक पद का कार्यकाल 2 वर्ष का है और कोई भी व्यक्ति दो कार्यकाल से ज्यादा अध्यक्ष, संगठन सचिव और कोषाध्यक्ष नहीं रहेंगे और यह भी लगातार दोहराए नहीं जाएंगे। यह पार्टी व्यक्तिवाद, परिवारवाद, जातिवाद, वंशवाद, क्षेत्रवाद, धर्मवाद से पूर्णयता मुक्त होगी। इसका संगठन पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक होगा, जिसमें प्रतिभाशाली सभी प्रांतों, जाति, धर्म के लोगों को हर स्तर पर नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा। आगे उन्होने कहा कि वर्तमान में आम जनता की हालात हर तरह से बद से बदतर हो रही है और दूसरी ओर देश और प्रदेश में सिर्फ व्यर्थ के मुद्दे गढ़े जा रहे हैं। सत्तारूढ़ पार्टी और पूरा तंत्र और टीवी, मीडिया सभी चंद शब्दों तक देश के विमर्श को सीमित कर दिए हैं। ये हिंदू, मुस्लिम ,गाय, आतंकवाद, पाकिस्तान, राष्ट्रवाद जैसे कुछ शब्द हैं, जिनके इर्द-गिर्द रात दिन पूरा विमर्श जारी है, जबकि जनता की जो बुनियादी समस्याएं हैं, जैसे उनकी शिक्षा, रोजगार, घोर गरीबी की, उनके बीमारी की, सामाजिक ताना-बाना टूटने, आपस में देश में मनमुटाव, नफरत और बढ़ती दूरियों, दिन पर दिन बढ़ती मंहगाई, शांति व्यवस्था की समस्या, बढ़ते सामंतवाद और मनुवाद, समाप्त होते आरक्षण, सरकारी संस्थाओं की बिक्री, निजीकरण और देश में चंद अनैतिक पूंजीपतियों को आगे बढ़ाने, जैसे तमाम जरूरी और बुनियादी मुद्दों पर कोई भी विमर्श नहीं होता है। प्रदेश अध्यक्ष ईजी0 सतीश सचान जी ने वर्तमान सरकार की जन विरोधी नीतियों पर तंज कसते हुये कहॉ कि देश के गरीबों ,पिछड़ों, दलितों, किसानों और नौजवानों की दशा बेहद खराब होती जा रही है। शिक्षा महंगी और दुर्लभ होती जा रही है। इलाज बहुत महंगा हो गया है । सरकारें जानबूझकर के इन बुनियादी समस्याओं के प्रति आंख मूंदे हुए हैं, जबकि सभी नागरिकों के लिए मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा स्वास्थ्य की उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकारों का मौलिक दायित्व है और बिना इस बुनियादी व्यवस्था के कोई भी आम नागरिक आगे नहीं बढ़ सकता। आरक्षण धीरे-धीरे बिना कहे समाप्त किया जा रहा है। हर क्षेत्र में निजीकरण के कारण सरकारी विभागों ने नौकरियां समाप्त हो रही हैं। उद्योग व्यवसाय बंद हो रहे हैं।रोजगार के अवसर के लिए न व्यवसायिक,औद्योगिक, तकनीकी शिक्षा की उचित और गुणवत्तापूर्ण मुफ्त व्यवस्था है और न ही ज्ञान और पूंजी के अभाव में आज का नौजवान खुद कुछ रोजगार करने की स्थिति में है। शोषित समाज का लगभग 95% आबादी गांव में रहती है। गांव की हालत बेहद खराब है । इस अवसर पर बैठक में राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र गुप्ता जी, मंडल अध्यक्ष एड0 भानुप्रताप कुशवाहा जी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईजी. आर. बी. सिंह पटेल जी, महेन्द्र सिंह जी, राष्ट्रीय महासचिव अजीत सचान जी, राष्ट्रीय महासचिव अरविन्द विश्वकर्मा जी, राम गोपाल वर्मा जी, राष्ट्रीय सचिव डॉ0 सोभेन्द्र कुशवाहा जी, डॉ0 हरीशंकर कठेरिया जी, के.पी.शाक्य जी, प्रो0 रमांकान्त कुशवाहा जी, जिलाध्यक्ष कानपुर नगर बिष्णु कुशवाहा जी, भुवनेश कुमारी दोहरे जी, अतुल यादव, विजय बहादुर कुशवाहा सहित अन्य बरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित रहे। बैठक का आयोजन मंडल अध्यक्ष एड0 भानुप्रताप कुशवाहा जी ने एवं बैठक का कुशल संचालन हरिशंकर पटेल जी ने किया।