पाकिस्तान के केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार-उल-हक काकड़ ने गुरुवार को कैबिनेट का ऐलान किया। इसके बाद 16 मंत्रियों और 3 सलाहकारों को शपथ दिलाई गई। इनमें सीनियर जर्नलिस्ट मुर्तजा सोलंगी भी शामिल हैं।
कश्मीर के आतंकी यासीन मलिक की पाकिस्तानी मूल की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक को स्पेशल एडवाइजर टू प्राइम मिनिस्टर (SAPM) बनाया गया है। उनके अलावा चार और लोग भी स्पेशल एडवाइजर बनाए गए हैं।
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक दोहरी नागरिकता वाले शख्स को एडवाइजर तो बनाया जा सकता है, लेकिन वो फुल टाइम मिनिस्टर नहीं हो सकता। मुशाल के पास पाकिस्तान के अलावा ब्रिटेन की भी नागरिकता है।
मुशाल पाकिस्तान में बैठ कर अक्सर भारत विरोधी बयान देती रहती हैं। पिछले दिनों आई फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ पर उन्होंने कहा था- कश्मीर पूरी तरह से पाकिस्तान का है और हम इसे लेकर रहेंगे। पाकिस्तान से वो अपने आतंकी पति की रिहाई की भी मुहिम चलाती रही हैं। उनकी बेटी भी इसमें शामिल है जो इस वक्त ब्रिटेन में रहती है।
यासीन मलिक एक कश्मीरी आतंकी और अलगाववादी नेता है। वो जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) से जुड़ा है। उस पर युवाओं को आतंकवाद के लिए उकसाने का भी आरोप है।
यासीन मलिक को 2022 में NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस, UAPA और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में उम्र कैद सुनाई थी। दो मामलों में उम्रकैद और अन्य मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई थी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे।
मलिक पर 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में एयरफोर्स के जवानों पर हमला करने का आरोप है। इस घटना में 40 लोग घायल हुए थे, जबकि चार जवान शहीद हो गए थे। स्क्वॉड्रन लीडर रवि खन्ना इनमें से एक थे। यह सभी एयरपोर्ट जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया था। मलिक ने एक इंटरव्यू में हमले की बात कबूल की थी।
मलिक पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के भी आरोप लगे थे। 1990 में कश्मीरी पंडितों की हत्या कर उन्हें घाटी छोड़ने पर मजबूर करने में भी यासीन की अहम भूमिका थी।